ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। महाराष्ट्र कैडर की विवादित ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पूजा खेडकर का बतौर आईएएस चयन रद कर दिया है। इसके साथ ही यूपीएससी ने उनके भविष्य में फिर से यूपीएससी परीक्षा देने के सारे रास्ते भी बंद कर दिए हैं।
यूपीएससी ने बृहस्पतिवार को बयान जारी कर बताया कि 34 वर्षीय ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर का सिलेक्शन (प्रोविजनल कैंडिडेचर) रद कर दिया गया है। साथ ही पूजा को भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयनों से स्थायी रूप से प्रतिबंधित किया गया है। यूपीएससी ने उन्हें कई बार फर्जी पहचान बनाकर परीक्षा देने का दोषी पाया।
पूजा खेडकर पर आईएएस बनने के लिए विकलांगता और ओबीसी के फर्जी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करने का आरोप है। इस संबंध में उनकी विभिन्न स्तरों पर जांच चल रही है। हाल ही में यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 की उनकी उम्मीदवारी रद करने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया था। उनके खिलाफ पुलिस में केस भी दर्ज कराया था।
पूजा खेडकर को 25 जुलाई तक नोटिस का जवाब देना था, लेकिन उन्होंने 4 अगस्त तक का समय मांगा। इसके बाद यूपीएससी ने उन्हें 30 जुलाई तक का समय दिया और स्पष्ट किया कि यह अंतिम मौका है, इसके बाद समय नहीं बढ़ाया जाएगा लेकिन फिर भी खेडकर ने 30 जुलाई तक जवाब दाखिल नहीं किया। पूजा खेडकर पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। उन्होंने गिरफ्तारी से बचने के लिए जमानत याचिका दायर की है।
पहचान छिपाकर कई बार परीक्षा दी
यूपीएससी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने पूजा खेडकर के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी, आईटी एक्ट और विकलांगता एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। यूपीएससी ने पूजा खेडकर की सिविल सेवा परीक्षा 2022 की उम्मीदवारी रद करने/भविष्य की परीक्षाओं/चयन से रोक लगाने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। यूपीएससी ने यह भी कहा था कि पूजा ने पहचान छिपाकर तय सीमा से ज़्यादा बार परीक्षा दी। पहचान बदलने के मकसद से पूजा ने अपना नाम, अपने पिता और माता का नाम, अपनी तस्वीर/हस्ताक्षर, अपना ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर कई बार परीक्षा दी।
क्या है आरोप?
पूजा खेडकर पर सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए फर्जी दिव्यांगता और ओबीसी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करने का आरोप है। इसके अलावा पुणे में तैनाती के दौरान विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने का भी आरोप उन पर है। इसलिए पिछले हफ्ते उन्हें पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया था।