ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक, नकल और भर्ती में किसी भी गड़बड़ी पर अब बड़ा एक्शन होगा। सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के प्रावधान वाला लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024 लोकसभा में पेश किया। विधेयक में परीक्षाओं में अनियमितताओं से संबंधित अपराध के लिए अधिकतम 10 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। बिल लोकसभा में पास हो गया, अब उसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
ये हैं इस कानून की खास बातें
यह एक केंद्रीय कानून होगा और इसके दायरे में संयुक्त प्रवेश परीक्षाएं और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाएं भी आएंगी।
• विधेयक में एक उच्च-स्तरीय तकनीकी समिति के गठन का प्रस्ताव है, जो कम्प्यूटर के माध्यम से परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिश करेगी।
• प्रस्तावित विधेयक में विद्यार्थियों को निशाना नहीं बनाया जाएगा, बल्कि इसमें संगठित अपराध, माफिया और साठगांठ में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है।
• परीक्षाओं में दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति को न्यूनतम 3 साल की सजा मिलेगी। इसे बढ़ाकर पांच साल किया जा सकता है और 10 लाख का जुर्माना भी लगाया जाएगा। छात्रों के साथ फर्जी वेबसाइट या फर्जी केंद्रों के जरिए परीक्षा कराने और नौकरी देने आदि का फर्जीवाड़ा भी इसके दायरे में आएगा।
• यदि पेपर लीक और नकल में परीक्षा कराने वाली एजेंसी शामिल पाई जाती है तो परीक्षा का पूरा खर्च वसूला जाएगा। इसके साथ ही संपत्ति भी जब्त की जा सकती है।
• इनमें यूपीएससी, एसएससी, रेलवे, बैंकिंग, जेईई, नीट जैसी सभी कंप्यूटर आधारित परीक्षाएं शामिल होंगी। •विधेयक के अनुसार पेपर लीक से जुड़ी जांच पुलिस उपायुक्त या सहायक पुलिस आयुक्त के स्तर पर होगी।
• सरकार के पास जांच किसी भी समय केंद्रीय एजेंसी को सौंपने का पूरा अधिकार होगा। परीक्षाओं के लिए आईटी सिस्टम को और अधिक मजबूत किया जाएगा।
•जारी होगा गैर जमानती वारंट। यह बिल कानून बनता है तो पुलिस को बिना किसी वारंट के संदिग्धों को गिरफ्तार करने का अधिकार होगा। आरोपियों को जमानत नहीं मिलेगी और इन अपराधों को समझौते से नहीं सुलझाया जा सकेगा।
एग्जाम सेंटर में नहीं मिलेगीहर किसी को एंट्री
अगर सरकारी अधिकारी भी गड़बड़ी में शामिल पाए जाते हैं, तो उनको भी अपराधी माना जाएगा। किसी भी ऐसे व्यक्ति को जिसे पब्लिक एग्जाम या उससे जुड़ा काम नहीं दिया गया है, उसे एग्जाम सेंटर में एंट्री नहीं दी जाएगी।
4 साल के लिए एग्जाम सेंटर होगा सस्पेंड
अगर किसी गड़बड़ी में एग्जाम सेंटर की भूमिका पाई जाती है तो उस सेंटर को 4 साल के लिए सस्पेंड किया जाएगा। यानी उस सेंटर को अगले 4 साल तक के लिए कोई भी सरकारी एग्जाम कराने का अधिकार नहीं होगा। परीक्षा में गड़बड़ी कराने में मिलीभगत पाए जाने पर सेंट्रल एजेंसी पर भी 1 करोड़ तक का जुर्माना लगेगा। बिल में जेल की सजा का भी प्रावधान है।
पिछले 5 साल में राज्यों में पेपर लीक के मामले (भर्ती परीक्षा)
हरियाणा 2
राजस्थान 7
गुजरात 3
महाराष्ट्र 2
कर्नाटक 2
उत्तराखंड 4
यूपी 1
मध्य प्रदेश 5
तेलंगाना 5
असम 1
बिहार 3
झारखंड 1
ओडिशा 1