नई दिल्ली। 2024 के पद्म पुरस्कार के लिए चुनी गई हस्तियों में देश के सभी हिस्सों और समाज के सभी वर्गों से जुड़े लोग शामिल हैं। भारत के मजबूत सामाजिक ताने-बाने को दिखाने वाला यह सम्मान वर्तमान में आम ‘जनता का पुरस्कार’ बन गया है।
पुरस्कार पाने वालों की सूची में 40 व्यक्ति अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी, 11 अनुसूचित जाति (एससी) और 15 अनुसूचित जनजाति (एसटी) से ताल्लुक रखते हैं। इनमें नौ ईसाई, आठ मुस्लिम, पांच बौद्ध, तीन सिख, दो जैन, दो पारसी धर्म को मानने वाले लोग शामिल हैं। पुरस्कार पाने वालों में 49 वृद्ध व्यक्ति भी शामिल हैं और उन्हें आजीवन योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
अन्य राजनीतिक दलों को भी महत्वः
पद्म पुरस्कार के लिए विभिन्न दलों, विचारधाराओं और भौगोलिक क्षेत्रों के राजनीतिक दिग्गजों को देने की घोषणा की गई। पिछड़ों के हितों की वकालत करने वाले कर्पूरी ठाकुर (जनता पार्टी) को भारत रत्न देने के साथ-साथ चिरंजीवी (कांग्रेस) और कैप्टन विजयकांत (डीएमडीके) को भी सम्मानित किया गया। यह केंद्र सरकार द्वारा अन्य राजनीतिक दलों को महत्व दिए जाने को भी दर्शाता है।
नारी शक्ति को नई पहचान
विभिन्न क्षेत्रों की 30 महिलाओं को सम्मान देकर नारी शक्ति को भी नई पहचान दी गई है। इसमें सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज फातिमा बीवी से लेकर पहली महिला महावत पार्बती बरुआ और पहली महिला हरिकथा गायिका उमा माहेश्वरी विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करती हैं। मधुबनी चित्रकार शांति देवी पासवान और पर्यावरण कार्यकर्ता चामी मुर्मू को पुरस्कार देकर जाति और वर्ग की बाधाओं को तोड़ दिया गया।
लोक गायिकाओं को सम्मान
विभिन्न शैलियों की महिला लोक गायिकाओं को भी इन पुरस्कार के माध्यम से सम्मानित किया गया। इनमें पश्चिम बंगाल की राजबंशी लोक गायिका गीता रॉय बर्मन से लेकर उत्तर प्रदेश की कजरी लोक गायिका उर्मिला श्रीवास्तव तक का नाम शामिल है। पद्म पुरस्कारों ने नसीम बानो (लखनऊ की चिकनकारी), तकदीरा बेगम (बर्धमान की कांथा) जैसे पारंपरिक बुनकरों को भी नई पहचान दी।
कला क्षेत्र के कई दिग्गज शामिल
कला के क्षेत्र में कई फिल्म कलाकारों को हिंदी, तेलुगु, बंगाली, तमिल, मराठी और पंजाबी जैसी भाषाओं में अभिनय, निर्देशन, गायन और रचना के माध्यम से सिनेमा में आजीवन योगदान के लिए सम्मानित किया गया। पुरस्कार पाने वालों में वैजयंतीमाला, चिरंजीवी, मिथुन चक्रवर्ती, राजदत्त, विजयकांत, उषा उथुप, प्यारेलाल, निर्मल ऋषि और प्राण सभरवाल जैसे दिग्गजों के नाम शामिल हैं।
नृत्य की विभिन्न शैलियों को मान्यता
पुरस्कार पाने वालों की सूची में नृत्य की विभिन्न शैलियों भरतनाट्यम में पद्म सुब्रमण्यम, कथक में रामलाल बारेथ और कथकली में बालकृष्णन सदनम पुथिया वीटिल के नाम शामिल हैं। दरभंगा घराने के राम कुमार मलिक, पटियाला घराने के सोम दत्त बट्टू, बनारस घराने के सुरेंद्र मोहन मिश्रा को भी पुरस्कार के लिए चुना गया।
ताइवानी कंपनी के मालिक को दिया पद्म भूषण तो तिलमिला उठा चीन
नई दिल्ली। भारत सरकार ने इस बार 4 उद्योगपतियों को भी पद्म सम्मान से नवाजा है। इसमें 3 तो भारतीय हैं, लेकिन एक उद्यमी विदेशी भी शामिल हैं। भारत के इस फैसले से चीन को मिर्ची लग जाएगी, क्योंकि इस बिजनेसमैन ने चीन से बड़ा करोबार निकालकर भारत में शिफ्ट कर दिया था।
सरकार की पद्म सम्मान की सूची में ताइवान की मल्टीनेशनल इलेक्टॉनिक्स कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी फॉक्सकॉन के चेयरमैन यंग लू भी शामिल हैं। उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। यंग लू ही वह व्यक्ति हैं, जिन्होंने चीन से फॉक्सकॉन के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को हटाकर भारत में शिफ्ट किया है। फॉक्सकॉन एप्पल के प्रोडक्ट बनाती है और अब आईफोन से लेकर आईपैड तक सभी भारत में ही बन रहे हैं। इस बात से चीन पहले ही तिलमिलाया हुआ था।
3 और को मिला सम्मान
लू के अलावा 3 भारतीय बिजनेसमैन को भी पद्म सम्मान दिया गया है। इसमें कर्नाटक के सीताराम जिंदल को पद्म भूषण, महाराष्ट्र की कल्पना मोरपरिया और कर्नाटक की शशि सोनी को पद्म श्री अवार्ड से नवाजा गया है। इन सभी उद्यमियों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस साल अप्रैल या मई में आयोजित होने वाले समारोह में सम्मानित करेंगी।
किस सेक्टर में करते हैं बिजनेस
जिंदल एलुमीनियम लिमिटेड के चेयरमैन और एमडी सीताराम जिंदल एक बड़े उद्योगपति होने के साथ दानवीर भी हैं। वह एजुकेशन, हेल्थ और सोशल वेलफेयर जैसे क्षेत्र में तमाम चैरिटी संस्थाएं चलाते हैं। जिंदल ने देशभर में 16 चैरिटी ट्रस्ट और सोसाइटी बनाई हैं, जो सामाजिक सरोकारों के क्षेत्र में काम करती हैं।
महिलाओं ने भी गाड़ा झंडा
पद्म श्री अवार्ड पाने वाली कल्पना ग्लोबल इनवेस्टमेंट बैंक जेपी मॉर्गन एंड कंपनी की भारतीय यूनिट की सीईओ हैं और एक जानीमानी बैंकर भी हैं। पद्म श्री पाने वाली शशि सोनी इज्मो लिमिटेड की चेयरपर्सन हैं। उनकी कंपनी हाई-टेक ऑटोमोटिव और ई-रीटेलिंग सॉल्यूशंस उपलब्ध कराती है। उनका बिजनेस उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया में फैला है। कंपनी बीएसई और एनएसई पर भी लिस्टेड है। अवार्ड पाने वालों की सूची में किरन नादर का भी नाम है, जो एचसीएल टेक्नोलॉजीज के फाउंडर शिव नादर की पत्नी हैं। उन्हें आर्ट कलेक्शन और दान देने के लिए सम्मानित किया गया है।
पंजा दरी के लिए मिर्जापुर के खलील अहमद को मिला पद्मश्री
मिर्जापुर। कला, संगीत और हस्तशिल्प के दृष्टिकोण से मिर्जापुर जिले के लिए बेहद खास रहा वह दिन जब लोकगायन में उर्मिला श्रीवास्तव के साथ हैंडमेड दरी खासकर पंजा दरी के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए खलील अहमद को भी पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया।
इमामबाड़ा क्षेत्र के रहने वाले 75 वर्षीय खलील तीन पीढ़ियों से इस कला से न केवल जुड़े हैं बल्कि इसे समृद्ध बना रहे हैं। खलील को 2000 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने नेशनल अवार्ड से नवाजा था। 2007 में वस्त्र मंत्रालय के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ‘शिल्प गुरू’ से पुरस्कृत किए गए। इनका पूरा परिवार दरी के कारोबार से जुड़ा है।
इनके तीन पुत्र रुस्तम शोहराब, इफि्तखार अहमद, जलील अहमद भी इसी कला से जुड़े हैं। खलील अहमद ने पद्मश्री सम्मान मिलने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि वर्षों की मेहनत और तपस्या का यह परिणाम है। उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार से नई पीढ़ी को इस विधा से जुड़ने का संबल मिलेगा। बता दें कि मिर्जापुर की दरी को जीआई टैग मिला हुआ है।
जीआई विशेषज्ञ डॉ रजनीकांत ने बताया कि मिर्जापुर की हैंडमेड दरी बेहद खास है। खलील अहमद वर्षों से इस कार्य में जुड़े हैं और उसे एक नई ऊंचाई दी।
नई दिल्ली। 2024 के पद्म पुरस्कार के लिए चुनी गई हस्तियों में देश के सभी हिस्सों और समाज के सभी वर्गों से जुड़े लोग शामिल हैं। भारत के मजबूत सामाजिक ताने-बाने को दिखाने वाला यह सम्मान वर्तमान में आम ‘जनता का पुरस्कार’ बन गया है।
पुरस्कार पाने वालों की सूची में 40 व्यक्ति अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी, 11 अनुसूचित जाति (एससी) और 15 अनुसूचित जनजाति (एसटी) से ताल्लुक रखते हैं। इनमें नौ ईसाई, आठ मुस्लिम, पांच बौद्ध, तीन सिख, दो जैन, दो पारसी धर्म को मानने वाले लोग शामिल हैं। पुरस्कार पाने वालों में 49 वृद्ध व्यक्ति भी शामिल हैं और उन्हें आजीवन योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
अन्य राजनीतिक दलों को भी महत्वः
पद्म पुरस्कार के लिए विभिन्न दलों, विचारधाराओं और भौगोलिक क्षेत्रों के राजनीतिक दिग्गजों को देने की घोषणा की गई। पिछड़ों के हितों की वकालत करने वाले कर्पूरी ठाकुर (जनता पार्टी) को भारत रत्न देने के साथ-साथ चिरंजीवी (कांग्रेस) और कैप्टन विजयकांत (डीएमडीके) को भी सम्मानित किया गया। यह केंद्र सरकार द्वारा अन्य राजनीतिक दलों को महत्व दिए जाने को भी दर्शाता है।
नारी शक्ति को नई पहचान
विभिन्न क्षेत्रों की 30 महिलाओं को सम्मान देकर नारी शक्ति को भी नई पहचान दी गई है। इसमें सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज फातिमा बीवी से लेकर पहली महिला महावत पार्बती बरुआ और पहली महिला हरिकथा गायिका उमा माहेश्वरी विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करती हैं। मधुबनी चित्रकार शांति देवी पासवान और पर्यावरण कार्यकर्ता चामी मुर्मू को पुरस्कार देकर जाति और वर्ग की बाधाओं को तोड़ दिया गया।
लोक गायिकाओं को सम्मान
विभिन्न शैलियों की महिला लोक गायिकाओं को भी इन पुरस्कार के माध्यम से सम्मानित किया गया। इनमें पश्चिम बंगाल की राजबंशी लोक गायिका गीता रॉय बर्मन से लेकर उत्तर प्रदेश की कजरी लोक गायिका उर्मिला श्रीवास्तव तक का नाम शामिल है। पद्म पुरस्कारों ने नसीम बानो (लखनऊ की चिकनकारी), तकदीरा बेगम (बर्धमान की कांथा) जैसे पारंपरिक बुनकरों को भी नई पहचान दी।
कला क्षेत्र के कई दिग्गज शामिल
कला के क्षेत्र में कई फिल्म कलाकारों को हिंदी, तेलुगु, बंगाली, तमिल, मराठी और पंजाबी जैसी भाषाओं में अभिनय, निर्देशन, गायन और रचना के माध्यम से सिनेमा में आजीवन योगदान के लिए सम्मानित किया गया। पुरस्कार पाने वालों में वैजयंतीमाला, चिरंजीवी, मिथुन चक्रवर्ती, राजदत्त, विजयकांत, उषा उथुप, प्यारेलाल, निर्मल ऋषि और प्राण सभरवाल जैसे दिग्गजों के नाम शामिल हैं।
नृत्य की विभिन्न शैलियों को मान्यता
पुरस्कार पाने वालों की सूची में नृत्य की विभिन्न शैलियों भरतनाट्यम में पद्म सुब्रमण्यम, कथक में रामलाल बारेथ और कथकली में बालकृष्णन सदनम पुथिया वीटिल के नाम शामिल हैं। दरभंगा घराने के राम कुमार मलिक, पटियाला घराने के सोम दत्त बट्टू, बनारस घराने के सुरेंद्र मोहन मिश्रा को भी पुरस्कार के लिए चुना गया।
ताइवानी कंपनी के मालिक को दिया पद्म भूषण तो तिलमिला उठा चीन
नई दिल्ली। भारत सरकार ने इस बार 4 उद्योगपतियों को भी पद्म सम्मान से नवाजा है। इसमें 3 तो भारतीय हैं, लेकिन एक उद्यमी विदेशी भी शामिल हैं। भारत के इस फैसले से चीन को मिर्ची लग जाएगी, क्योंकि इस बिजनेसमैन ने चीन से बड़ा करोबार निकालकर भारत में शिफ्ट कर दिया था।
सरकार की पद्म सम्मान की सूची में ताइवान की मल्टीनेशनल इलेक्टॉनिक्स कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी फॉक्सकॉन के चेयरमैन यंग लू भी शामिल हैं। उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। यंग लू ही वह व्यक्ति हैं, जिन्होंने चीन से फॉक्सकॉन के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को हटाकर भारत में शिफ्ट किया है। फॉक्सकॉन एप्पल के प्रोडक्ट बनाती है और अब आईफोन से लेकर आईपैड तक सभी भारत में ही बन रहे हैं। इस बात से चीन पहले ही तिलमिलाया हुआ था।
3 और को मिला सम्मान
लू के अलावा 3 भारतीय बिजनेसमैन को भी पद्म सम्मान दिया गया है। इसमें कर्नाटक के सीताराम जिंदल को पद्म भूषण, महाराष्ट्र की कल्पना मोरपरिया और कर्नाटक की शशि सोनी को पद्म श्री अवार्ड से नवाजा गया है। इन सभी उद्यमियों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस साल अप्रैल या मई में आयोजित होने वाले समारोह में सम्मानित करेंगी।
किस सेक्टर में करते हैं बिजनेस
जिंदल एलुमीनियम लिमिटेड के चेयरमैन और एमडी सीताराम जिंदल एक बड़े उद्योगपति होने के साथ दानवीर भी हैं। वह एजुकेशन, हेल्थ और सोशल वेलफेयर जैसे क्षेत्र में तमाम चैरिटी संस्थाएं चलाते हैं। जिंदल ने देशभर में 16 चैरिटी ट्रस्ट और सोसाइटी बनाई हैं, जो सामाजिक सरोकारों के क्षेत्र में काम करती हैं।
महिलाओं ने भी गाड़ा झंडा
पद्म श्री अवार्ड पाने वाली कल्पना ग्लोबल इनवेस्टमेंट बैंक जेपी मॉर्गन एंड कंपनी की भारतीय यूनिट की सीईओ हैं और एक जानीमानी बैंकर भी हैं। पद्म श्री पाने वाली शशि सोनी इज्मो लिमिटेड की चेयरपर्सन हैं। उनकी कंपनी हाई-टेक ऑटोमोटिव और ई-रीटेलिंग सॉल्यूशंस उपलब्ध कराती है। उनका बिजनेस उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया में फैला है। कंपनी बीएसई और एनएसई पर भी लिस्टेड है। अवार्ड पाने वालों की सूची में किरन नादर का भी नाम है, जो एचसीएल टेक्नोलॉजीज के फाउंडर शिव नादर की पत्नी हैं। उन्हें आर्ट कलेक्शन और दान देने के लिए सम्मानित किया गया है।
पंजा दरी के लिए मिर्जापुर के खलील अहमद को मिला पद्मश्री
मिर्जापुर। कला, संगीत और हस्तशिल्प के दृष्टिकोण से मिर्जापुर जिले के लिए बेहद खास रहा वह दिन जब लोकगायन में उर्मिला श्रीवास्तव के साथ हैंडमेड दरी खासकर पंजा दरी के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए खलील अहमद को भी पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया।
इमामबाड़ा क्षेत्र के रहने वाले 75 वर्षीय खलील तीन पीढ़ियों से इस कला से न केवल जुड़े हैं बल्कि इसे समृद्ध बना रहे हैं। खलील को 2000 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने नेशनल अवार्ड से नवाजा था। 2007 में वस्त्र मंत्रालय के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ‘शिल्प गुरू’ से पुरस्कृत किए गए। इनका पूरा परिवार दरी के कारोबार से जुड़ा है।
इनके तीन पुत्र रुस्तम शोहराब, इफि्तखार अहमद, जलील अहमद भी इसी कला से जुड़े हैं। खलील अहमद ने पद्मश्री सम्मान मिलने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि वर्षों की मेहनत और तपस्या का यह परिणाम है। उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार से नई पीढ़ी को इस विधा से जुड़ने का संबल मिलेगा। बता दें कि मिर्जापुर की दरी को जीआई टैग मिला हुआ है।
जीआई विशेषज्ञ डॉ रजनीकांत ने बताया कि मिर्जापुर की हैंडमेड दरी बेहद खास है। खलील अहमद वर्षों से इस कार्य में जुड़े हैं और उसे एक नई ऊंचाई दी।