ब्लिट्ज ब्यूरो
स्थान – नया संसद भवन, नई दिल्ली।
विषय – तीन दशक से लटका महिला आरक्षण बिल पास करवाना
मौका – 128वें संविधान संशोधन बिल पर छह घंटे की बहस।
भागीदारी – 60 सांसदों ने प्रश्न-उत्तर व उतरोत्तर जवाब की प्रक्रिया में हिस्सा लिया।
– कानून मंत्री ने दिखाया आईना, राहुल गांधी कांग्रेस की ही सरकार को रहे कोस
– महुआ मोइत्रा को स्मृति ईरानी का दो टूक, संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं
पीएम मोदी की सरकार द्वारा लोकसभा व राज्यों की विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन पेश किए जाने के बाद 20 सितंबर को पारित कर दिया गया जिसे नारी शक्ित वंदन बिल का नाम दिया गया है। विपक्ष ने जोश के साथ होश का ध्यान नहीं रखा और आनन-फानन में इस बिल पर ऐसे मुद्दे उठा दिए, ऐसे सवाल दाग दिए जिनका सरकार की ओर से जवाब मिलते ही विपक्षी नेता निरुत्तर होकर बगलें झांकते नजर आए। देखिये इसकी बानगी…
– राहुल गांधी ने कहा, ओबीसी आरक्षण के बिना यह बिल अधूरा है, इसके जवाब में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- यह आरक्षण सामान्य, एससी और एसटी में समान रूप से लागू होगा। चुनाव के बाद तुरंत ही जनगणना और डिलिमिटेशन होगा और महिलाओं की भागीदारी जल्द ही सदन में बढ़ेगी। विरोध करने से रिजर्वेशन जल्दी नहीं आएगा।
– राहुल गांधी ने कहा- देश को चलाने वाले 90 में से सिर्फ तीन सेक्रेटरी ही ओबीसी हैं, इसके जवाब में शाह ने राहुल गांधी नाम लिए बिना कहा कि देश को सरकार चलाती है, सचिव नहीं। कोई एनजीओ चिट बनाकर दे देता है तो बोल देते हैं। कुल भाजपा सांसदों में 85 ओबीसी से हैं। कुल भाजपा विधायकों में 27 फीसदी ओबीसी से हैं। कुल भाजपा एमएलसी में 40 ओबीसी हैं।
– राहुल गांधी के बोलने के दौरान कुछ सांसदों ने हंगामा किया तो वे बोले- डरो नहीं। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने इस दौरान उन्हें टोकते हुए कहा- मैं राहुल गांधी से अपील करता हूं कि सदन में सभी सदस्य बराबर हैं। इसलिए उन्हें ‘डरो मत डरो मत’ नहीं कहें।
– कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा, मैं राजनीति में आने से पहले आईएएस था। 1992 बैच का अफसर सेक्रेटरी बनेगा। उस समय किसकी सरकार थी? ये (राहुल गांधी) अपनी ही सरकार को कोस रहे हैं।
– कुछ विपक्षी नेताओं ने महिला आरक्षण विधेयक को भाजपा का नया जुमला बता कर इसे लोकसभा चुनाव से जोड़ा। इसके जवाब में अमित शाह ने कहा, कुछ लोगों के लिए महिला सशक्तिकरण चुनाव जीतने का मुद्दा हो सकता है लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता मोदी के लिए यह मुद्दा राजनीति नहीं बल्कि मान्यता का मुद्दा है। मोदी ने ही भाजपा में महिलाओं को पार्टी पदों पर 33 प्रतिशत आरक्षण दिलाया।
– चर्चा के दौरान टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने मुस्लिम महिलाओं को भी आरक्षण देने की मांग की। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने महुआ मोइत्रा का नाम लिए बगैर कहा- मुस्लिम आरक्षण मांगने वालों को मैं बताना चाहती हूं कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण वर्जित है। जिस प्रकार से विपक्ष भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है, उसमें न फंसें।
– सोनिया गांधी ने बिल से राजीव गांधी का सपना पूरा होने की बात कही। उन्होंने कहा, ‘स्थानीय निकायों में महिलाओं को आरक्षण देने वाला कानून सबसे पहले मेरे पति राजीव गांधी लाए थे।
इस पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि ये सिर्फ पीएम मोदी का बिल है, जिसने गोल किया, नाम उसी का होता है। हमारे प्रधानमंत्री और हमारी पार्टी ये बिल लेकर आई है तो किसी के पेट में दर्द क्यों हो रहा है।