ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ‘मन की बात एट 100′ सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए आकाशवाणी पर प्रसारित होने वाले इस मासिक कार्यक्रम को राजनीति से दूर रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम देश के लिए उम्मीद की किरण और हर आदमी की दिल की बात बन गई है।
उन्होंने कहा कि हम अपनी उपलब्धियों को कैसे नजरंदाज कर सकते हैं? सोनिया गांधी के हाल के लेख ‘इंफोर्स्ड साइलेंस’ के परोक्ष संदर्भ में जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत में जितनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, उतनी दुनिया के किसी और स्थान पर नहीं मिल सकती। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे यह देखकर कई बार पीड़ा होती है कि हमारा बुद्धिजीवी वर्ग क्या कर रहा है। जबरन चुप करने को लेकर लम्बे लेख लिखे जा रहे हैं। देश में जबरन चुप कैसे किया जा सकता है। इतनी अधिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दुनिया के किसी और स्थान पर नहीं मिल सकती है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें कई बार तरस आता है और इस बात पर चिंतन, मंथन करना पड़ता है कि हमारे ही कुछ लोग देश में या बाहर जाकर क्यों ‘शुतुरमुर्ग वाला रूख’ अख्तियार करते हैं ? वे क्यों दीवार पर लिखी इबारत को नहीं देखते ? उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे तो बड़ा अजीब लगता है । मुझसे ज्यादा इस बात को कौन जानता है क्योंकि मैं उच्च सदन का अध्यक्ष हूं जो अधिकांश रूप से बाधित रहता है। लेकिन वहां बोलने की पूरी स्वतंत्रता रहती है। 1989 में जब वे पहली बार सांसद बने तब उन्हें लगा कि उनके पास काफी ताकत आ गई है क्योंकि वे हर साल 50 गैस कनेक्शन दे सकते थे। धनखड़ ने कहा, ‘‘ लेकिन मन की बात के शिल्पकार ने 15 करोड़ गैस कनेक्शन दिये और वे भी मुफ्त। यह एक बड़ी उपलब्धि है।” उन्होंने कहा, ‘‘ विजयदशमी के पावन अवसर पर साल 2014 में प्रधानमंत्री ने एक नायाब शुरुआत की – मन की बात। उनके ‘मन की बात’ हर आदमी के ‘दिल की बात’ बन जाती है।