ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। मुंबई पुलिस बल में जल्द ही माउंटेड पुलिस यूनिट (अश्व दल) की स्थापना की जाएगी। राज्य सरकार ने इसके लिए 36 करोड़ रुपए का फंड मंजूर किया है। जानकारी सामने आ रही है कि मुंबई पुलिस जल्द ही 30 घोड़े खरीदेगी।
पुलिस इन्हीं घोड़ों का इस्तेमाल मुंबई में गश्त के लिए करेगी। इसके साथ ही सभी सुविधाओं से युक्त अस्तबल का भी निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही पुलिस को घुड़सवारी की ट्रेनिंग, घोड़ों को खाना खिलाने और उनकी देखभाल करने की प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
राज्य सरकार ने मुंबई पुलिस कमिश्नर द्वारा भेजे प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अश्व दल यूनिट को फिर से स्थापित करने के लिए 36.53 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। घोड़ों की देखभाल पर 1.88 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुंबई पुलिस के पास नहीं थी घुड़सवार सेना
भारत के कोलकाता, केरल, चेन्नई जैसे महानगरों के पास घुड़सवार पुलिस बल है लेकिन देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पुलिस बल के पास अपनी घुड़सवार सेना नहीं थी। शासन स्तर पर भी इसका संज्ञान लिया गया। ब्रिटिश शासन के दौरान मुंबई में पुलिस घुड़सवार सेना थी। इसके बाद सीधे 2020 में घुड़सवार सेना का निर्माण किया गया। शुरुआत में 13 घोड़े खरीदे गए। हालांकि, पर्याप्त धन की कमी के कारण कई समस्याएं पैदा हुईं। इससे छह घोड़ों की मौत हो गई। इसलिए, पांच घोड़ों को नासिक प्रशिक्षण केंद्र भेजा गया। फिलहाल दो घोड़े ही पुलिस के पास हैं। दोनों घोड़ों को अंधेरी के मरोल इलाके में एक पुलिस कैंप में एक अस्थायी अस्तबल में रखा गया है, क्योंकि कुछ अवसरों पर इन घोड़ों का इस्तेमाल मुंबई के समुद्र तटों पर गश्त करने के लिए किया जाता है, लेकिन इसका इस्तेमाल पेट्रोलिंग के लिए नहीं किया जाता है।
एक बार फिर घुड़सवार पुलिस बनाने का प्रयास
अब एक बार फिर मुंबई घुड़सवार पुलिस बनाने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस ने सरकार को प्रस्ताव भेजा था कि अश्व सेना के अच्छे और निरंतर संचालन के लिए 30 से 40 करोड़ रुपए के फंड की जरूरत है। इसके बाद सरकार ने 36 करोड़ 53 लाख रुपए का फंड स्वीकृत कर दिया है। अब जल्द ही मुंबई पुलिस हॉर्स फोर्स की स्थापना की जाएगी। अब पुलिस मुंबई के समुद्री तटों के साथ-साथ भीड़-भाड़ वाली जगहों पर भी गश्त करती नजर आएगी। मुंबई पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि विरोध-प्रदर्शन और भीड़-भाड़ वाले वाले स्थानों पर प्लेसमेंट करने में सहायक घुड़सवार पुलिस अधिक प्रभावी साबित होंगे।
समुद्री तटों पर गश्त करना अधिक सुविधाजनक
सरकारी फैसले से मुंबईकरों को आश्चर्य होगा कि जब मुंबई में वाहनों के लिए जगह नहीं है तो घोड़ों पर गश्त कैसे की जाएगी। किसी अप्रिय घटना या आतंकवादी हमले जैसी आपदा के बाद नेटवर्क बंद हो सकता है। ऐसे मामलों में गोपनीय जानकारी को जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए घोड़ों का उपयोग किया जाता है। साथ ही तटीय रेत में गाड़ी चलाना और चलना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे मामलों में घोड़े पर सवार होकर तट पर गश्त करना अधिक सुविधाजनक होता है।
1932 में हॉर्स माउंटेड यूनिट हुआ था खत्म
1932 में घुडसवार दस्ते (माउंटेड हॉर्स यूनिट) को ट्रैफिक मुद्दों की वजह से खत्म कर दिया गया था, लेकिन अब मुंबई पुलिस के पास अपनी ऐसी यूनिट होगी।
माउंटेड हॉर्स यूनिट पहले गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेगी, फिर इसे पुलिस फोर्स में शामिल किया जाएगा। यूनिट की सबसे खास बात घुड़सवार पुलिस की पोशाक होगी। घोड़े पर एक पुलिसकर्मी जमीन पर गश्त लगाने वाले 30 पुलिसकर्मियों के बराबर काम कर सकता है। इसके लिए घोड़े की रफ्तार भी बहुत मायने रखेगी। इस तरह की यूनिट भीड़ वाली जगहों, समुद्री तटों और प्रदर्शन के दौरान बहुत कारगर रहेगी।