मनोज जैन
नई दिल्ली।: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई ) ने अपने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) प्लेटफॉर्म पर एक नया फीचर पेश किया है। इससे यूजर्स अपने यूपीआई अकाउंट्स को दूसरों के साथ शेयर कर सकते हैं। ‘यूपीआई सर्कल-डेलिगेट पेमेंट्स’ नाम से जाने जाने वाले इस फीचर से प्राइमरी अकाउंट होल्डर्स, सेकेंडरी यूजर्स को ट्रांजेक्शन करने का अधिकार दे सकते हैं।
क्या है खास : एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूपीआई सर्कल-डेलिगेट पेमेंट्स एक ऐसा फीचर है जहां आपके यूपीआई अकाउंट का मास्टर एक्सेस आपके पास होगा। आप पेमेंट के लिए किसी और को भी अकाउंट का एक्सेस दे सकेंगे। बैंक ऑफ बड़ौदा में मुख्य महाप्रबंधक डिजिटल बैंकिंग संचालन के. वी. शीतल बताते हैं कि यह परिवार के सदस्य या परिचित को भुगतान करने का काम सौंपने का एक नया विकल्प है। इससे दो व्यक्ति यूपीआई भुगतान करने के लिए एक बैंक खाते का इस्तेमाल कर सकेंगे।
लिमिट क्या होगी?
प्राइमरी यूजर सेकेंडरी यूजर के लिए ट्रांजेक्शन लिमिट भी सेट कर सकता है। एनपीसीआई के मुताबिक पूरे अधिकार पर अधिकतम मासिक सीमा 15,000 रुपये होगी। आंशिक डेलीगेशन के लिए मौजूदा यूपीआई सीमा लागू होगी।
क्या फायदा होगा
ऐसे घरों में जहां परिवार के केवल एक सदस्य का बैंक खाता है, यह सुविधा उनके लिए काम की होगी। इससे नकदी पर उनकी निर्भरता कम हो जाती है। माता-पिता का खर्च पर नियंत्रण रहेगा। कर्मचारियों को छोटे-मोटे खर्चा को संभालने के लिए अधिकार मिल सकता है।
सेफ है यह सुविधा
एनपीसीआई के मुताबिक इसमें सुरक्षा के लिए मजबूत उपाय हैं। यह सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि केवल खाताधारक ही लेनदेन को वेरिफाई कर सकता है। वे लेनदेन की सीमा तय कर सकते हैं। प्राइमरी अकाउंट होल्डर्स को हर लेनदेन के लिए वास्तविक समय में सूचित किया जाता है, जिससे उन्हें किसी भी संदिग्ध गतिविधि को जल्दी से पहचानने और रिपोर्ट करने का मौका मिलता है।
कैसे करेगा काम?
प्राइम्स पार्टनर्स के एमडी श्रवण शेट्टी के मुताबिक प्राइमरी के लिए एक मेंडेट बनाना होगा। प्राइमरी यूजर पूरी तरह से या आंशिक रूप से भुगतान का विकल्प दे सकता है।
पूरा अधिकार दिया जाता है तो सेकेंडरी यूजर को प्राइमरी अकाउंट होल्डर द्वारा तय राशि सीधे पेमेंट करने का अधिकार होगा। आंशिक अधिकार की स्थिति में सेकेंडरी यूजर को हरेक लेनदेन के लिए प्राइमरी यूजर को अनुरोध भेजना होगा।