ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। अमूमन बहू द्वारा सास-ससुर के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले दर्ज कराए जाते हैं, लेकिन कोर्ट में एक अलग तरह का मामला आया है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि बहू ही नहीं, बेटियां भी घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं। एक बेटी ने माता-पिता, भाई-भाभी व चाचा-चाची पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद युवती के परिजनों पर घरेलू हिंसा के तहत आरोप तय कर दिए हैं।
साकेत स्थित जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधु जैन की अदालत ने इस मामले में शिकायतकर्ता युवती के माता-पिता समेत परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ मुकदमा चलाने का फैसला सुनाते हुए कहा कि यह सही है कि इस समय युवती अपने परिवार के सदस्यों के साथ नहीं रह रही । जिस समय और तारीख को लेकर युवती ने परिवार पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया, उस समय वह अपने माता-पिता और परिजनों के साथ एक छत के नीचे रह रही थी। यह आरोप गंभीर हैं। प्रथमदृष्टया इस मामले को देखने के बाद कहा जा सकता है कि घरेलू हिंसा का शिकार सिर्फ घर की बहू या अन्य महिला ही नहीं, बल्कि बेटी भी होती है। बेटी होने के नाते ऐसी घटनाओं का शिकार होने के बावजूद परिवार के खिलाफ आवाज उठाने की बजाय वह चुप्पी साधने का रास्ता अपनाती है।