पटना। पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के आरक्षण सीमा बढ़ाने के कानून को निरस्त कर दिया। राज्य सरकार ने शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में एससी/एसटी, ओबीसी और ईबीसी को 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया था।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के. विनोद चन्द्रन और न्यायमूर्ति हरीश कुमार की खंडपीठ ने गुरुवार को 87 पन्नों में यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा, बिहार में कुल जनसंख्या के केवल 1.57 प्रतिशत लोग ही सरकारी नौकरी में हैं। जनसंख्या के अनुपात में सरकारी नौकरियों में पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व पर्याप्त है। कोर्ट ने कहा, सरकारी नौकरी में पिछड़े समुदायों का प्रतिनिधित्व केवल आरक्षण के आधार पर नहीं है। वहीं, महाधिवक्ता पी. के. शाही ने कहा कि आदेश पढ़ने के बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने पर निर्णय लेगी।