अमिताभ कांत
भारत अपनी जी20 अध्यक्षता के तहत 20 सदस्य देशों, 9 मेहमान देशों और 14 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के 43 प्रमुखों का स्वागत कर रहा है। इस लीडर्स समिट में नई दिल्ली घोषणापत्र को अपनाया जाएगा जिसमें पिछले एक साल के दौरान मंत्री स्तरीय और वर्किंग ग्रुप की हासिल हुई सामूहिक उपलब्धियों का ब्योरा होगा। ये समिट भारत के लिहाज से एक मील का पत्थर है, जब वह इस लेवल की प्रतिष्ठित हाई लेवल कूटनीतिक बैठक को बतौर मेजबान आयोजित कर रहा है। संकट और उथल पुथल के इस दौर में भारत की अध्यक्षता को अपने समावेशी, महत्वाकांक्षी, एक्टिव और फैसले लेने में पहल करने वाले एजेंडे के लिए सभी भागीदारों से सपोर्ट मिला है। वसुधैव कुटुंबकम ्(वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर) की थीम के तले भारत की अध्यक्षता को अभूतपूर्व प्रतिभागिता या हिस्सेदारी मिली है। इसके तहत 115 देशों से जुड़े 25 हजार प्रतिनिधियों ने जी20 बैठकों में हिस्सा लिया है। जी20 के इतिहास में ये पहली बार है कि इतना विविध प्रतिनिधित्व देखने को मिला है। ये हमारी ग्लोबल कम्युनिटी की कड़ियों के आपसी जुड़ाव को ही सामने रखता है। भारत के 27 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के 60 शहर जी20 से जुड़ी चर्चाओं के गवाह बने। देश भर से भारत के 1.5 करोड़ नागरिकों की सक्रिय भागीदारी ने हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों का उदाहरण पेश किया। उनके उत्साह और ऊर्जा को जी20 की गतिविधियों में इस तरह की दिशा दी गई जिससे कि भारत की अध्यक्षता में समिट ‘लोगों का जी 20’ बन गया। जी20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट लेक्चर सीरीज, मॉडल जी20 की मीटिंग्स स्कूलों और यूनिवर्सिटी में विशेष सेशन के रूप में देखने को मिले। फेस्टिवल्स में जी20 पवेलियन, क्विज कॉन्टेस्ट, सेल्फी कॉम्पीटीशन ने पूरे देश के लोगों को समिट के साथ जोड़ा।
अपनी अध्यक्षता में भारत ने कई गंभीर मुद्दों पर व्यापक चर्चाओं की अगुवाई की। इन चर्चाओं में मजबूत, सस्टेनेबल, संतुलित और समावेशी विकास, सस्टेनेबल डेवेलपमेंट लक्ष्य, हरित विकास पैक्ट, 21 सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थाएं, तकनीकी क्रांति, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, जेंडर इक्विटी, विमेन एंड गर्ल चाइल्ड एम्पवारमेंट जैसे अहम मुद्दे शामिल थे। भारत ने 17 मंत्री स्तरीय बैठकें आयोजित की है जिनमें इन प्राथमिकताओं को लेकर आम सहमति बनी है। भारत ने ये सुनिश्चित किया कि जी20 में ग्लोबल साउथ की बात को सुना जाए। ग्लोबल साउथ से जुड़ी समिट जनवरी में हुई थी और 125 देशों ने इसमें भाग लिया था। इस समुदाय के हितों के चैंपियन होने के नाते हमने ग्लोबल साउथ की जरूरतों को प्राथमिकता दी, चाहे वो सस्टेनेबल डिवेलपमेंट गोल्स (एसडीजी) को लेकर प्रोग्रेस हो या फिर क्लाइमेट फाइनेंस का मुद्दा। अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के सुधार का मसला हो या फिर समावेशी विकास का मुद्दा, हमारी जी20 अध्यक्षता प्रयोगधर्मिता से भी जुड़ी रही है। डिजास्टर रिस्क पर नया वर्किंग ग्रुप बना है। तो स्टार्टअप20 जैसी कई एक्टिविटी भी देखने को मिली हैं। साथ ही चीफ साइंटिफिक एडवाइजर्स की राउंड टेबल बैठक की भी शुरुआज हुई। विमेन एम्पावरमेंेट को लेकर हमने एक नया वर्किंग ग्रुप भी शुरू किया है। जी20 बैठकों के दौरान प्रतिनिधियों को भारत की समृद्ध परंपरा, सांस्कृतिक विरासत और विविधता से ना सिर्फ रूबरू होने बल्कि उन्हें अनुभव करने का भी मौका मिला। 15 हजार कलाकारों ने 200 से ज्यादा कार्यक्रमों में भाग लेकर स्थानीय और राष्ट्रीय कला की झलक दिखलाई। खेती के मामले में सस्टेनेबल तरीके अपनाने के लिए मिलेट से बने व्यंजनों को मेन्यू में शामिल किया गया। भारत की जी20 की अध्यक्षता ऐसे मुकाम पर है, जहां से वह एकता और लक्ष्यों के तरीकों के जरिए ग्लोबल चुनौतियों से लड़ने के सशक्त प्रयास पर बल देती है। नई दिल्ली समिट जी20 सदस्यों के बीच सहयोग और जिम्मेदारियों से जुड़े मिशन को आत्मसात करती है। (लेखक जी20 में भारत के शेरपा हैं)