ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने विवादों में घिरे नीट-यूजी, 2024 में ओएमआर शीट में हेरफेर का आरोप लगाने वाली याचिका दो सप्ताह बाद सुनवाई के लिए तय की। याचिका जस्टिस सीटी रविकुमार और जस्टिस मनोज मिश्रा की अवकाश पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई।
सुप्रीम कोर्ट ने पांच मई को आयोजित नीट-यूजी परीक्षा में ओएमआर शीट में हेरफेर करने में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के अधिकारियों की संलिप्तता का आरोप लगाने वाली याचिका पर दो सप्ताह बाद सुनवाई के लिए तय की।
याचिकाकर्ता के वकील का आरोप
मेडिकल प्रवेश परीक्षा देने वाले याचिकाकर्ता के वकील ने आरोप लगाया कि उसकी ओएमआर शीट बदल दी गई थी। पीठ ने वकील से कहा कि याचिकाकर्ता दोबारा परीक्षा में शामिल होने की अनुमति मांग रहा है।
पुनः परीक्षा तो हो चुकी
पीठ ने कहा, ‘परीक्षा (पुन: परीक्षा) 23 जून को समाप्त हो गई है।’ याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-अंडरग्रेजुएट (नीट-यूजी) 2024 को रद करने की मांग करने वाली कई अन्य याचिकाएं शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित हैं।
कोर्ट ने ओएमआर शीट में ग्रेस मार्क देने का आधार पूछा था
उल्लेखनीय है कि विगत 27 जून को अलग याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को ओएमआर शीट में ग्रेस मार्क देने का आधार पूछा था। इससे संबंधित अन्य लंबित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आठ जुलाई को सुनवाई करने वाला है।