ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ के रिजल्ट में कथित गड़बड़ी के बाद मचे हंगामे और सीबीआई जांच की मांग के बीच नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने ग्रेस मार्क्स मामले की जांच के लिए एक चार सदस्यीय कमेटी बनाई है। यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन की अगुवाई में यह कमेटी एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
एनटीए ने कहा कि स्टूडेंट्स को नीट ग्रेस अंक देने से नतीजों या क्वालिफाइंग क्राइटेरिया में कोई फर्क नहीं पड़ा है। एनटीए ने पेपर लीक होने के आरोपों को भी खारिज कर दिया। एनटीए डीजी सुबोध कुमार सिंह ने कहा, ‘यह सिर्फ 1600 स्टूडेंट्स का मसला है। पेपर 23 लाख से ज्यादा बच्चों ने दिया था। 4750 सेंटर के बजाय सिर्फ 6 सेंटर का मामला है। कमेटी इन करीब 1600 स्टूडेंट्स को दिए गए ग्रेस मार्क्स व टाइम लॉस मामले की जांच करेगी। जरूरत पड़ेगी तो इनका रिजल्ट संशोधित किया जा सकता है। इससे नीट रिजल्ट के बाद होने वाली एमबीबीएस व बीडीएस समेत विभिन्न मेडिकल कोर्सेज की एडमिशन प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कमेटी की जो सिफारिशें आएंगी, हम फैसला लेंगे।’
गौरतलब है कि नीट में 67 छात्रों के 720 में से 720 अंक पाने और कटऑफ के अचानक आसमान छूने के बाद हजारों छात्र, पेरेंट्स और कोचिंग संचालक पेपर लीक का आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस ने भी नीट मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग कर डाली है। पिछले दिनों दी गई एनटीए की सफाई उन्हें तार्किक नहीं लग रही है। बहुत से नीट अभ्यर्थियों का आरोप है कि नीट का पेपर लीक होने की वजह से रैंक और नंबर को बुरी तरह प्रभावित किया है। पेपर लीक होने की वजह से रैंक में इनफ्लेशन हुआ है। सोशल मीडिया पर अभ्यर्थी नीट स्कैम, नीट परीक्षा रद्द करो और नीट रिजल्ट फिर से जारी करो हैश टैग से लगातार अभियान चला रहे हैं।
छात्र लगातार पूछे रहे ये सवाल
1. एक ही एग्जाम सेंटर से छह टॉपर कैसे हो सकते हैं ?
बहुत से स्टूडेंट्स का कहना है कि एनटीए ने नीट टॉपरों की जो मेरिट लिस्ट जारी की है, उसमें 8 स्टूडेंट्स के रोल नंबर एक ही सीरीज के हैं। सीरियर नंबर 62 से लेकर 69 तक के 8 स्टूडेंट्स में से 6 स्टूडेंट्स रैंक 1 पाने वाले टॉपर हैं।