मनोज जैन
चंडीगढ़। पंजाब विश्वविद्यालय की मेजबानी में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन’ विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन का लॉ ऑडिटोरियम में आयोजन हुआ। सम्मेलन का उद्देश्य उच्च शिक्षा संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए रणनीतियों पर चर्चा करना था। यह सम्मलेन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तथा केन्द्रीय विश्वविद्यालय, हरियाणा के सहयोग से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत पंजाब विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर रेणु विग द्वारा गर्मजोशी से सभी आगंतुकों के स्वागत के साथ हुई। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास का संक्षिप्त परिचय देते हुए ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ के क्रियान्वयन के सन्दर्भ में पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा उठाये गए महत्वपूर्ण प्रयासों का परिचय दिया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ सत्र 2023 -24 से लागू कर दी गयी है तथा पंजाब विश्वविद्यालय से सम्बंधित कॉलेजों में यह अगले सत्र से लागू कर दी जायेगी। इसके बाद हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार ने कार्यशाला के उद्देश्यों को रेखांकित किया, जिसने आगामी व्यावहारिक चर्चा के लिए सुदृढ़ भूमिका का कार्य किया।
उन्होंने बताया कि इस सम्मलेन में उत्तरी क्षेत्र के लगभग 240 उच्चतर शिक्षा संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिन्हें गहन विचार-मंथन के लिए दस समूहों में बांटा गया था। उन्होंने विश्वास जताया कि इन समूहों द्वारा दी गयी संस्तुतियां ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ के सार्थक क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
– उत्तरी क्षेत्र के 240 उच्चतर शिक्षा संस्थानों ने भाग लिया
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने विद्यार्थियों के लिए एनईपी के सर्वोच्च महत्व पर जोर दिया और विश्वविद्यालयों में इसके तेजी से कार्यान्वयन की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ को रोशनी की एक किरण के रूप में प्रस्तुत करते हुए विश्वास जताया कि यह किरण शिक्षा जगत के अन्धकार को दूर करेगी और हमारे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करते हुए उन्हें मौलिक चिंतन के लिए प्रेरित करेगी।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को एक ऐसा परिवेश प्रदान करना हम सब की सांझी ज़िम्मेदारी है जिसमें वे शिक्षा के समस्त आयामों को आत्मसात कर सकें । इस अवसर पर एनईपी से संबंधित यूजीसी की पहलों को प्रदर्शित करने वाली एक लघु फिल्म भी प्रस्तुत की गई, जिसने उपस्थित लोगों को नीति का समर्थन करने वाले प्रयासों के सम्बन्ध में एक अंतर्दृष्टि प्रदान की। उद्घाटन भाषण हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय द्वारा दिया गया, जिसमें व्यापक शैक्षिक परिदृश्य में एनईपी 2020 के महत्व पर एक गहन परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किया गया। उन्होंने अकादमिक जगत से पधारे सभी आमंत्रित बुद्धिजीवियों तथा हितधारकों का आह्वान किया कि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को उसकी मूल भावना के साथ लागू करने के लिए एकजुट होकर प्रयास करें। कार्यक्रम का समापन पंजाब विश्वविद्यालय में यूनिवर्सिटी इंस्ट्रक्शन की डीन प्रोफेसर रुमिना सेठी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।