संदीप सक्सेना
नई दिल्ली। उत्तराखंड के ऋषिकेश में 30 साल पुराने होटल ‘गंगा किनारे’ को दूसरी पीढ़ी के उद्यमी तरुण गुलाटी चला रहे हैं। आईआईएम-बैंगलोर के पूर्व छात्र गुलाटी आतिथ्य व्यवसाय को लेकर पहले कभी इतने उत्साहित नहीं थे, जितना अब हैं। उनका होटल अपने निजी घाट पर मेहमानों के लिए सुबह-शाम की आरती का आयोजन करता है। यहां लोग सदियों पुरानी गुफाओं के अंदर ध्यान भी कर सकते हैं। गुलाटी कहते हैं, ‘आध्यात्मिक पर्यटन पहले से कहीं ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है।’ गुलाटी का कहना कि वे कारोबार आगे बढ़ाएंगे।
होटल कंसल्टेंसी फर्म नोएसिस कैपिटल एडवाइजर्स द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, मध्यम आकार और उच्च श्रेणी की होटल कंपनियां अगले दो वर्षों में धार्मिक शहरों में 3,500 करोड़ रु. निवेश करने को तैयार हैं। इससे 5,000 से अधिक नए कमरे व 25,000 नौकरियां जुड़ेंगी। क्रेडिट रेटिंग फर्म इक्रा के अनुसार होटल उद्योग के राजस्व वृद्धि में आध्यात्मिक पर्यटन महत्वपूर्ण होगा।
धार्मिक शहरों में बढ़ी रिटेल चेन्स
सीबीआई साउथ एशिया की मार्च में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के 14 प्रमुख शहरों- अमृतसर, अजमेर, वाराणसी, कटरा, सोमनाथ, शिरडी, अयोध्या, पुरी, तिरुपति, मथुरा, द्वारका, बोधगया, गुरुवायूर और मदुरै में रिटेल चेन्स तेजी से बढ़ी हैं। इसकी वजह सड़क, हवाई और रेल संपर्क का बढ़ना, लोगों की आय में वृद्धि और यात्रा करने की इच्छा है।
इन धार्मिक शहरों में बन रहे नए होटल
अमृतसर 100 कमरों वाला ग्रैंड मर्योर बाय एकोर (2026) 215 कमरों वाला हॉलिडे इन (2027) ऋषिकेश 55 कमरों वाला आईटीसी का रिवरफ्रंट प्रॉपर्टी (2026) 132 कमरे और सुइट्स लेमनट्री का (2025) 35 कमरों वाला प्राइड होटल। उज्जैन आईएचसीएल ने 130 कमरों वाले प्रोजेक्ट की घोषणा की है। (2024) होटल रेडिसन (2024), अयोध्या पार्क इन बाय रेडिसन इस साल खुलने जा रहे हैं। आईएचसीएल, हिल्टन, ताज, मैरियट, ओयो, लेमन ट्री अगले 2-3 वर्षों में होटल शुरू करेंगे। रेडिसन ने अपने दूसरे होटल की घोषणा की है। तिरुपति 100 कमरों वाला ट्राइडेंट, 142 करोड़ का प्रोजेक्ट (2027) लेकर आ रही है।