ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। मानसून में लोगों को अपने स्वास्थ्य को लेकर अब और भी ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है। जुलाई में मानसूनी बीमारियों से मुंबई के लोगों का स्वास्थ्य अधिक प्रभावित हुआ है। मलेरिया के मामले 80 फीसदी, डेंगू के मामले 5 गुना ज्यादा रिपोर्ट हुए हैं। वहीं, पानी जनित रोगों जैसे गैस्ट्रो के मामले 72 फीसदी और हेपेटाइटिस के मामले 47 फीसदी अधिक दर्ज हुए हैं। स्वाइन फ्लू का संक्रमण भी बढ़ा है। मानसून के जोर पकड़ते ही मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। स्वाइन फ्लू भी अपने पैर पसार रहा है।
जुलाई में मलेरिया के 797, डेंगू के 535 मामले
बीएमसी से मिले आंकड़ों के अनुसार, जून में मच्छर जनित रोग मलेरिया के 443 मामले और डेंगू के 93 मामले रिपोर्ट हुए थे, लेकिन जुलाई में मलेरिया के 797, डेंगू के 535 और चिकनगुनिया के 25 मामले मिले हैं।
मलेरिया का बढ़ता प्रकोप
सेंट जॉर्ज अस्पताल के अधीक्षक और मेडिसिन विभाग के यूनिट हेड डॉ. विनायक सावर्डेकर ने बताया कि जुलाई में डेंगू और मलेरिया के मरीजों की संख्या बढ़ी है। डेंगू के मरीज ओपीडी बेसिस पर रिकवर कर रहे हैं, लेकिन जिनके प्लेटलेट्स 1 लाख के नीचे है, उन्हें एडमिट करना पड़ता है।
– स्वाइन फ्लू भी पसार रहा पैर
60 से 70 फीसदी मरीजों को भर्ती होने की सलाह
मलेरिया के 60 से 70 फीसदी मरीजों को भर्ती होने की सलाह देते हैं। मलेरिया का वाईवैक्स में उतना जोखिम नहीं रहता, लेकिन फाल्सीपेरम का संक्रमण यदि दिमाग में पहुंच गया, तो मरीज की मौत भी हो सकती है।
स्वाइन फ्लू के 5 मामले रोजाना
जुलाई में औसतन 5 लोग स्वाइन फ्लू से संक्रमित हुए । ब्रीच कैंडी अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ. प्रतीत समदानी ने बताया कि मॉनसून में इन्फ्लुएंजा के काफी केस आ रहे हैं। 80 फीसदी मरीज ओपीडी में ट्रीटमेंट से रिकवर हो जाते हैं। 20 फीसदी लोगों को पहले से ही कोई बीमारी होती है।
युवा अधिक प्रभावित
हीरानंदानी अस्पताल में संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज तुलारा ने बताया कि 90 फीसदी मरीजों में फीवर की शिकायत होती है। इसमें 60 फीसदी डेंगू और 40 फीसदी स्वाइन फ्लू-इन्फ्लूएंजा से ग्रसित होते हैं। डेंगू का टेस्ट महंगा नहीं है, लेकिन स्वाइन का टेस्ट महंगा होता है। इसलिए क्लिनिकल लक्षण के आधार पर ट्रीट किया जाता है। लगभग 10 फीसदी डेंगू के मरीजों को एडमिट करना पड़ता है। इससे युवा अधिक प्रभावित हैं क्योंकि वे अक्सर बाहर रहते हैं। अनेक लोगों के संपर्क में आने से संक्रामक रोग का खतरा उनमें अधिक है।
गैस्ट्रो और हेपेटाइटिस से परेशान
बीएमसी के अनुसार, दूषित खानपान से पेट के रोग बढ़ रहे हैं। जून में गैस्ट्रो के 722 और हेपेटाइटिस के 99 मरीज मिले थे। जुलाई में गैस्ट्रो के 1239 और हेपेटाइटिस के 146 केस दर्ज हुए हैं।
आईसीयू एडमिशन काफी कम
एच. एन. रिलायंस अस्पताल में आईसीयू विभाग के चेयरमैन डॉ. राहुल पंडित ने बताया कि इन्फ्लुएंजा के कुछ केस आए हैं, लेकिन डेंगू और मलेरिया के गंभीर मामले नहीं दिखाई दिए, जिन्हें आईसीयू की जरूरत पड़ी हो।