संदीप सक्सेना
नई दिल्ली। भाजपा की अगुवाई में बनी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की नई सरकार के लिए महत्वाकांक्षी सुधारों को आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाना चुनौतीपूर्ण होगा। देश-दुनिया की विभिन्न रेटिंग एजेंसियों का दावा है कि कमजोर जनादेश की वजह से इन सुधारों पर कानून पारित करने में सहयोगी दल बाधा डाल सकते हैं। इन चुनौतियों के बावजूद भूमि और श्रम कानूनों में बड़े सुधार नई सरकार के एजेंडे में बने रहेंगे, क्योंकि वह भारत के विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ाना चाहती है। हालांकि, कमजोर बहुमत के बावजूद भारत के विकास की रफ्तार कायम रहेगी।
रेटिंग एजेंसी फिच का मानना है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को कमजोर बहुमत के बावजूद भारत का मध्यम अवधि का विकास प्रदर्शन 2027-28 तक हमारे अनुमान 6.2 फीसदी के आसपास रहेगा। बुनियादी ढांचे की कमियों को दूर करने के लिए जारी सार्वजनिक पूंजीगत खर्च अभियान, डिजिटलीकरण के उपायों, महामारी से पहले की स्थिति की तुलना में बैंक और कॉरपोरेट बैलेंस शीट में सुधार से निजी निवेश के लिए एक मजबूत दृष्टिकोण की सुविधा मिलनी चाहिए। वहीं, मूडीज ने मोदी के तीसरे कार्यकाल में कमजोर नीतियों को लेकर आशंकाओं को दरकिनार करते हुए कहा, भारत के ऊर्जा क्षेत्र में विकास जारी रहेगा। भारत के बिजली क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलना जारी रहेेगा। अगले वर्षों में बिजली की मांग सालाना 5-6 फीसदी बढ़ सकती है।
मोदी 2.0 का एजेंडा 3.0 में भी जारी रहेगा : मोतीलाल ओसवाल
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज का कहना है कि मोदी 2.0 का नीतिगत एजेंडा मोदी 3.0 में भी जारी रहेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, नई सरकार कर के मोर्चे पर राहत देकर और जीएसटी ढांचे को तर्कसंगत बनाकर सौदे को आसान बना सकती है।
निवेश आकर्षित करने, पूंजीगत खर्च में वृद्धि, बुनियादी ढांचे और विनिर्माण पर ध्यान देने के संबंध में पिछले कार्यकाल के नीतिगत निर्णय, नई सरकार में भी जारी रहेंगे।
बना रहेगा पीएलआई
फिच को उम्मीद है कि नई सरकार में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना बनी रहेगी। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेश लाने में मदद मिलेगी। हालांकि, निजी निवेश में अभी तक सार्थक वृद्धि नहीं हुई है।
बीबीबी रेटिंग जारी रहेगी
फिच ने स्थिर आउटलुक के साथ भारत की लंबे समय की विदेशी मुद्रा जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग (बीबीबी) पर बनाए रखी है। एजेंसी का मानना है भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली जीडीपी बना रहेगा।
सहयोगी दलों से समर्थन की उम्मीद
फिच ने कहा, भूमि-श्रम कानूनों में बड़े सुधार विवादास्पद रहे हैं। इस बार मिलीजुली सरकार के कारण इनका पारित होना और जटिल हो सकता है। हालांकि, मोदी के पीएम बने रहने पर सहयोगी दलों से पर्याप्त समर्थन मिलने की उम्मीद है।
बजट में आएगी ज्यादा स्पष्टता
एजेंसी ने कहा, जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण बजट से पांच वर्षों के आर्थिक सुधार की प्राथमिकताओं और राजकोषीय योजनाओं पर अधिक स्पष्टता सरकार को देनी चाहिए। राजग के पहले दो कार्यकाल में आर्थिक सुधारों का कार्यान्वयन मिश्रित था।