ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनावों से पहले महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत मजदूरी दरों में संशोधन किया है। इसमें विभिन्न राज्यों के लिए लगभग चार से 10.5 फीसदी के बीच बढ़ोतरी की गई है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इस आशय की अधिसूचना जारी की। इसके तहत सबसे ज्यादा मजदूरी गोवा में करीब 10.56 फीसदी बढ़ाई गई है, जबकि सबसे कम उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में केवल 3.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। अधिसूचना के अनुसार अकुशल श्रमिकों के लिए हरियाणा और सिक्कि म में उच्चतम मजदूरी दर 374 रुपये प्रतिदिन है, जबकि अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड में सबसे कम 234 रुपये है।
गोवा में मजदूरी दर में बढ़ोतरी देश में सबसे अधिक 34 रुपये हुई। बिहार में मनरेगा की मजदूरी दर मौजूदा 228 से बढ़ाकर 245 रुपये की गई है, यानी इसमें 7.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। मध्य प्रदेश में यह दर 221 से 243 रुपये की गई है, यानी 9.95 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। वहीं अन्य राज्यों में, कर्नाटक में 316 रुपये से बढ़कर 349 रुपये, केरल 333 से 346,पंजाब में 303 से 322,तमिलनाडु में 294 से 319, महाराष्ट्र में 273 से 297 रुपये मजदूरी हो गई है।
मजदूरी दर में हरियाणा शीर्ष पर लेकिन वृद्धि केवल चार फीसदी
आंध्र प्रदेश में प्रतिदिन 28 रुपये की बढ़ोतरी की गई और यहां अब मजदूरी दर 300 रुपये होगी। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक और तेलंगाना में लगभग 10 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
यूपी-उत्तराखंड में 237 रुपये
अधिसूचना के मुताबिक, यूपी और उत्तराखंड के लिए वृद्धि सबसे कम सात रुपये रही और दोनों राज्यों में मजदूरी 237 रुपये प्रतिदिन है। बंगाल में मजदूरी दर 250 रुपये (13 रुपये वृद्धि), तमिलनाडु में 319 रुपये (25 रुपये वृद्धि), तेलंगाना में 300 रुपये (28 रुपये वृद्धि) और बिहार में 228 रुपये (17 रुपये बढ़ोतरी) है। हालांकि, मजदूरी दर के मामले में हरियाणा शीर्ष पर है, लेकिन वृद्धि केवल चार फीसदी के आसपास है।