ब्लिट्ज ब्यूरो
तिरुवनंतपुरम। केरल को त्योहारों को राज्य कहा जाए तो अतिश्ायोक्ति नहीं होगी। कला एवं संस्कृति से समृद्ध केरल में कई त्योहार ऐसे भी हैं जो हैरान करने वाले हैं। इनमें पुरुष नारी की तरह सुंदर शृंगार करते हैं, मंदिर की परिक्रमा करते हैं, अपने देवता से मनोकामना पूरी करने का वरदान मांगते हैं।
केरल पर्यटन वेबसाइट के मुताबिक, महिलाओं के कपड़े पहने पुरुष दिव्य चमायाविलक्कू (पारंपरिक दीपक) धारण करते हैं और पीठासीन देवता के प्रति अपनी भक्ति के प्रतीक के रूप में मंदिर के चारों ओर घूमते हैं।
केरल के कोल्लम जिले में ऐसा ही एक त्योहार आता है, जिसमें पुरुष महिलाओं के कपड़े पहनकर और उन्हीं की तरह सजकर इसमें शामिल होते हैं। इस त्योहार का नाम चमायाविलाक्कू उत्सव है। भारतीय रेलवे के एक अधिकारी अनंत रूपनगुडी ने इस त्योहार के दौरान महिला का रूप लिए एक पुरुष की तस्वीर ट्विटर पर शेयर की। इस फोटो को देखकर हर कोई दंग है।
अनंत रूपनगुडी ने अपने इस ट्वीट में लिखा, कोल्लम जिले के कोट्टमकुलकारा में देवी मंदिर में एक परंपरा है जिसे चमायाविलक्कू उत्सव कहा जाता है। यह त्योहार पुरुषों के जरिये मनाया जाता है। इसमें पुरुष महिलाओं का रूप लेते हैं, महिलाओं के कपड़े पहनते हैं, उन्हीं की तरह सारे शृंगार करते हैं।
यह तस्वीर उस व्यक्ति की है जिसने इस त्योहार में शामिल होकर प्रतियोगिता में मेकअप के लिए पहला पुरस्कार जीता था।
पुरुषों के हाथ में दीपक रखकर निकालते हैं जुलूस
इस त्योहार को कोट्टनकुलंगारा चमयाविलक्कू ‘रोशनी का कार्निवल, कहा जाता है और यह मलयालम महीने मीनम के 10वें और 11वें दिन मनाया जाता है। इस त्योहार में महिलाओं के रूप में सजे पुरुषों के हाथों में दीपक रखकर जुलूस निकाले जाते हैं। राज्य भर के पुरुष साड़ी पहनते हैं, आभूषण पहनते हैं और शृंगार करते हैं और इस अनूठी रस्म में हिस्सा लेते हैं।
मौजूदा समय में यह त्योहार केरल में ट्रांसजेंडर समुदाय का सबसे बड़ा जमावड़ा बन गया है क्योंकि यह उन्हें अपनी पहचान का जश्न मनाने के लिए एक जगह प्रदान करता है। अनंत रूपनगुडी ने इस पोस्ट को सोमवार को ट्वीट किया था। अब तक इसे 2,800 से अधिक लाइक्स मिल चुके हैं। बड़ी संख्या में लोग इसे शेयर और रीट्विट कर रहे हैं। वहीं कई लोग ऐसे हैं जो फोटो देखकर हैरान हो रहे हैं। एक ट्विटर यूजर ने लिखा, मैंने कभी ऐसा अनुमान नहीं लगाया था।