ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पश्िचम बंगाल के संदेशखाली में ईडी अधिकारियों पर हमले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश में बंगाल पुलिस पर की गई सख्त टिप्पणियों को हटाने का निर्देश दिया है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने शेख शाहजहां की गिरफ्तारी में टालमटोल को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार के रवैये पर भी सवाल खड़ा किया। कोर्ट ने पूछा कि शाहजहां शेख के खिलाफ एफआईआर दर्ज है, तब भी उसे गिरफ्तार करने में इतनी देरी क्यों की गई?
गिरफ्तारी में देरी पर क्या बोली बंगाल सरकार
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि जांच पर स्टे लगा हुआ था, जैसे ही हमें कोर्ट से स्पष्टीकरण मिला और तथ्य साफ हुए, आरोपी को एक दिन में गिरफ्तार कर लिया गया। ये कहना गलत होगा कि पुलिस ठीक से जांच नहीं कर रही थी। वहीं सरकार ने आरोप लगाया कि मीडिया के प्रेशर में हाईकोर्ट ने फैसला लिया, तथ्यों की जांच नहीं की।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेंगे, निर्देशों की जहां तक बात है, इस याचिका को स्वीकार नहीं किया जा रहा है। हालांकि राज्य सरकार और पुलिस के आचरण को लेकर की गई टिप्पणियों को हटा रहे हैं।
हाईकोर्ट ने शाहजहां को सीबीआई हिरासत में भेजने का आदेश दिया था
बीती 5 मार्च को कलकत्ता हाई कोर्ट ने ईडी अधिकारियों पर हमले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। साथ ही कोर्ट ने कहा था कि आरोपी शाहजहां शेख काफी प्रभावी व्यक्ति है और उसका सत्ताधारी दल से संबंध है। राज्य की पुलिस ने उसे बचाने के लिए कई बहाने बनाए। कोर्ट ने शाहजहां को तुरंत सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। साथ ही सारे दस्तावेज़ भी सीबीआई को सुपुर्द करने को कहा था।
5 जनवरी को ईडी अधिकारियों पर हुआ था हमला
गत 5 जनवरी को ईडी अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता शाहजहां शेख के संदेशखाली आवास पर राशन वितरण भ्रष्टाचार मामले में तलाशी के लिए गए थे, जहां उन पर हमला किया गया था। इसमें ईडी के तीन अधिकारी घायल हुए थे। केन्द्रीय एजेंसी ने हाई कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में दावा किया है कि शाहजहां ने ही लोगों को हमले के लिए उकसाया था। वही मास्टरमाइंड है।