दीपक द्विवेदी
नई दिल्ली। भारत की राजनीति में जहां अक्सर अनिश्चितता छाई रहती है, एक नाम बहुत यकीन के साथ सामने आता है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। चुनाव शुरू होने से पहले ही ग्लोबल मीडिया से आवाज आ रही है कि मोदी फिर से जीतने वाले हैं। ये समर्थन सिर्फ भारत में नहीं बल्कि दुनिया भर के नेताओं के बीच में भी है, जो मोदी को सिर्फ एक देशी नेता नहीं बल्कि वैश्विक चेहरा मानते हैं।
‘द इकोनॉमिस्ट’ पत्रिका ने अपने ताजा स्पेशल एडिशन में ये बात कही है कि छह हफ्ते में नरेंद्र मोदी के तीसरी बार पीएम बनने की पूरी उम्मीद है। ऐसे बड़े पब्लिकेशन से निकलने वाली बातें बताती हैं कि मोदी को भारतीय ही नहीं, वैश्विक स्तर पर भी काफी समर्थन प्राप्त है।
अमेरिकी एजेंसी मॉर्निंग कंसल्ट की 2024 की पहली तिमाही के लिए वर्ल्ड लीडर अप्रूवल रेटिंग रिपोर्ट के मुताबिक भी पीएम मोदी फिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता साबित हुए हैं। भारत में 78 फीसदी लोग पीएम मोदी के कामकाज से संतुष्ट हैं और उन्हें अपना नेता मानते हैं। दिसंबर 2023 की रिपोर्ट में भी पीएम मोदी 76 फीसदी अप्रूवल के साथ दुनिया में शीर्ष पर थे। इस बार 2 फीसदी ज्यादा लोगों ने पीएम मोदी के कामकाज पर संतुष्टि जताते हुए उन्हें अपने नेता के तौर पर मंजूरी दी है। वह 2014 से ही शीर्ष पर हैं।
– भारत ने की अभूतपूर्व आर्थिक तरक्की
– विकास की बयार सिर्फ शहरों तक ही नहीं, गांवों में भी पहुंची
इसके अतिरिक्त इस अनिश्चित वैश्विक अर्थव्यवस्था के बीच, भारत तेजी से बढ़ते हुए एक स्थिर देश के रूप में उभर रहा है। इसकी 6-7 फीसदी की विकास दर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली मुख्य अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। यह विकास भारत की स्थिर राजनीति और सुधारों की तरफ दृढ़ संकल्प को दिखाता है। भारत ने पश्चिमी मीडिया द्वारा दी गई ‘कार्यशील अराजकता’ की छवि को तोड़ते हुए, उत्तर प्रदेश जैसे पिछड़े राज्यों में भी अपने व्यावसायिक माहौल में सुधार किया है।
प्रगति की रफ्तार सिर्फ बड़े शहरों जैसे बेंगलूरू या मुंबई में ही नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी महसूस की जा रही है। इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़े प्रोजेक्ट्स, नए हवाई अड्डों का निर्माण, सालाना हजारों किलोमीटर सड़कें बनाना और हर साल सोलर एनर्जी में बड़े निवेश की बातें इस बदलाव की कहानी कहती हैं। भारत चीन की तरह मैन्युफैक्चरिंग पर निर्भर न होकर एक अलग रास्ते पर चल रहा है। इस आर्थिक परिवर्तन की नींव में सरकार द्वारा लागू किया गया माल और सेवा कर (जीएसटी) है, जिसने भारतीय बाजार को एकजुट किया और इसका संग्रह दो लाख करोड़ के पार गया है, जो आर्थिक मजबूती को दर्शाता है। भारत की समावेशी विकास की कोशिशें उसके सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों में दिखती हैं।
गरीबों को सीधे पैसा डिजिटल तरीके से देना, गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को मुफ्त में खाना बांटना इस विकास के फायदे को सब तक पहुंचाता है। जैसे-जैसे नया भारत अपनी आर्थिक ऊंचाई की ओर बढ़ रहा है, राजनीतिक स्थिरता, नीति सुधार और एक जीवंत व्यापारिक माहौल देश को नए युग की ओर ले जा रहे हैं। हर कदम के साथ यह नया भारत अपनी स्थिति को वैश्विक शक्ति के रूप में मजबूत करता है, निवेशकों व प्रशंसकों को इस असाधारण आर्थिक कहानी का हिस्सा बनने का न्योता देता है। पीएम मोदी इस बदलाव को 2047 तक एक विकसित नये भारत की दृष्टि के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। बदलाव इतने साफ हैं कि यहां तक कि पश्चिमी मीडिया भी मोदी के पक्ष में चल रही हवा को नजरअंदाज नहीं कर सकता।