मनोज जैन
नई दिल्ली। विधि आयोग की 28 सितंबर को बैठक हुई जिसमें ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर चर्चा की गई। भारतीय विधि आयोग अध्यक्ष न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी ने कहा, अभी हमने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की रिपोर्ट को अंतिम रूप नहीं दिया है और कोई संभावित तिथि भी नहीं दी है। पॉक्सो और ऑनलाइन एफआईआर की रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया गया है और क़ानून मंत्रालय को रिपोर्ट भेज दी है। ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर और काम होना है और अभी हम रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए काम कर रहे हैं।
इसके पहले देश में लोकसभा, विधानसभा और नगरीय निकायों सहित दूसरे सभी चुनावों को एक साथ कराने की संभावनाओं को तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अगुवाई में गठित उच्चस्तरीय कमेटी की पहली बैठक में इसके रोडमैप पर चर्चा हुई थी। बैठक में फैसला लिया गया कि सबसे पहले इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों की राय ली जाए। बैठक में लोकसभा में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को छोड़कर सभी सदस्य शामिल हुए थे। समिति में शामिल वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे देश से बाहर होने के चलते इस बैठक से वर्चुअल जुड़े थे। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, कानून मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ सुभाष कश्यप, पंद्रहवें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी मुख्य रूप से उपस्थित थे।
कोविन्द ने बैठक का एजेंडा रखा। इस दौरान समिति ने अपने कामकाज को आगे बढ़ाने के लिए दो अहम निर्णय लिए। कमेटी सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दलों, राज्यों की सत्ताधारी राजनीतिक पार्टियों, संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले दलों और अन्य मान्यता प्राप्त राज्य की राजनीतिक पार्टी के साथ एक-एककर इस मुद्दे पर चर्चा करेगी और उनके सुझाव लेगी। दूसरा इस मसले पर विधि आयोग की भी राय ली जाएगी।