संदीप सक्सेना
नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत जारी डिमांड नोटिसों पर ब्याज व जुर्माना माफ करने की सिफारिश की है। वहीं, फर्जीवाड़ा रोकने के लिए देशभर में चरणबद्ध तरीके से बायोमेट्रिक सत्यापन लागू करने का फैसला भी किया है। इससे जीएसटी में पंजीकरण की प्रक्रिया मजबूत होगी और फर्जी चालान से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) दावों से निपटने में मदद मिलेगी।
ं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 53वीं बैठक में कई अहम फैसले किए गए। सीतारमण ने बताया कि सीजीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 के लिए जारी डिमांड नोटिस पर ब्याज और जुर्माना माफ कर दिया जाएगा। इसके लिए कर भुगतान 31 मार्च, 2025 तक करना होगा और इसमें धोखाधड़ी, गबन या गलतबयानी से जुड़े मामले शामिल नहीं होंगे। वित्त मंत्री ने बताया, रेलवे के प्लेटफॉर्म टिकट, विश्राम कक्ष और प्रतीक्षालय जैसी सुविधाएं जीएसटी से मुक्त हैं।
छात्रावास के लिए बड़ी छूट
साथ ही, शैक्षणिक संस्थानों के बाहर छात्रावास के लिए विद्यार्थियों या कामकाजी वर्ग को 20,000 रुपये प्रति व्यक्ति प्रतिमाह तक छूट दी जाएगी। कम से कम 90 दिनों तक रहने पर इसका लाभ उठाया जा सकता है।
पेट्रोल, डीजल को जीएसटी में लाना चाहती है सरकार
केंद्र सरकार की मंशा हमेशा पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की रही है। इसका प्रावधान पहले किया जा चुका है। अब सिर्फ जीएसटी परिषद में राज्यों की सहमति चाहिए। या राज्य तय करें कि वे किस दर के लिए तैयार होंगे। इसके बाद इसे अधिनियम में शामिल कर दिया जाएगा। हिमाचल प्रदेश लगातार सेब के कार्टन बॉक्स पर कर में कमी की मांग कर रहा था। इस कटौती से बागवानों व उद्योग दोनों को लाभ होगा। दूध के डिब्बों, सभी प्रकार के स्पि्रंकलर्स और सोलर कुकर पर एक समान 12 प्रतिशत कर ही लगेगा।