ललित दुबे
संयुक्त राष्ट्र। ‘अक्षय पात्र फाउंडेशन’की चार अरब लोगों को भोजन कराने की ऐतिहासिक उपलब्धि की संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सराहना की गई और इस दौरान खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारत के सक्रिय कदमों का उल्लेख किया गया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने एक विशेष कार्यक्रम – ‘खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियां: सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की ओर भारत के कदम’ की मेजबानी की, जिसमें खाद्य सुरक्षा और पोषण के संबंध में देश की नवीन रणनीतियों, नीतियों एवं उपलब्धियों और उनके एसडीजी, विशेषकर शून्य भुखमरी के लक्ष्य के अनुकूल होने का जिक्र किया गया। इस कार्यक्रम में इंफोसिस के संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति, नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी और ‘द अक्षय पात्र फाउंडेशन’ के अध्यक्ष मधु पंडित दास ने भारतीय एनजीओ द्वारा अब तक चार अरब लोगों को भोजन कराने की उपलब्धि हासिल किए जाने का जश्न मनाया।
इस अवसर के लिए विशेष रूप से भेजे गए एक संदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चार अरब लोगों को भोजन परोसने की ‘‘उल्लेखनीय उपलब्धि’’ पर ‘द अक्षय पात्र फाउंडेशन’ की पूरी टीम को बधाई दी और इसे ‘‘अत्यंत गर्व और खुशी’ की बात बताया। यह संदेश संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने पढ़ा।
भुखमरी मिटाने, पोषण की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण
मोदी ने इस संदेश में कहा, ‘‘यह उपलब्धि भुखमरी मिटाने और मनुष्यों को पोषण प्रदान करने की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस उपलब्धि के महत्व को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भोजन परोसकर और उजागर किया गया है, जो वैश्विक कल्याण के प्रति जुनून को दर्शाता है।’’
फरवरी 2019 के वृन्दावन कार्यक्रम का किया उल्लेख
मोदी ने कहा कि अक्षय पात्र ने बड़ी संख्या में बच्चों को भोजन परोसा है और यह सुनिश्चित किया है कि ‘‘दुनिया के भविष्य के निर्माताओं को अच्छा पोषण मिले।’’ उन्होंने उस अवसर को भी याद किया जब उन्होंने फरवरी 2019 में वृन्दावन में अक्षय पात्र की ओर से भोजन परोसा था और उस समय संगठन ने तीन अरब लोगों को भोजन परोसने की उपलब्धि प्राप्त की थी।
– पीएम मोदी ने इसे अत्यंत गर्व और खुशी की बात बताया
बहुत महत्व रखता है
सत्यार्थी ने इस दौरान कहा कि चार अरब लोगों को भोजन कराए जाने की उपलब्धि का संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में जश्न मनाना ‘‘बहुत महत्व रखता’’ है और यह ‘‘बहुत मजबूत संदेश’’ भेजता है क्योंकि यह ‘‘वह स्थान है जो आठ अरब लोगों की आशाओं और प्रेरणाओं का प्रतिनिधित्व करता है।’’
सत्यार्थी ने 2030 के विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की विफलता पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम एसडीजी को हासिल करने में असफल रहते हैं, तो हम भविष्य में भी विफल हो जाएंगे।’’
अन्य देशों के नेता अनुसरण करें
नारायण मूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र में अन्य देशों के नेताओं से अक्षय पात्र मॉडल का अनुसरण कर ‘‘अपने देश में गरीब बच्चों के लिए खुशी, स्वास्थ्य, आत्मविश्वास, आशा और सफलता लाने’’ की अपील की। उन्होंने फाउंडेशन द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि अक्षय पात्र हमारा विश्वास बढ़ाता है।