ललित दुबे
वाशिंगटन। अमेरिका में एक प्रमुख भारतवंशी समूह ने इस्राइल के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए कहा कि देश में बेगुनाह नागरिकों पर हमास के आतंकवादियों द्वारा किया गया हमला मानवता के विरुद्ध अपराध है।
‘फाॅउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज’ (एफआईआईडीएस) के निदेशक खांडेराव कांड ने कहा, ”हम इस्राइल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं और बिना किसी उकसावे के किए गए इन बर्बर हमलों की निंदा करते हैं।”
उन्होंने कहा, ”हमास और जिहादी आतंकियों का लक्ष्य इस्राइल को नष्ट करना है और बेगुनाह लोगों पर ये हमले मानवता के विरुद्ध क्रूर अपराध हैं।” एफआईआईडीएस ने हमास के हमलों की तुलना 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका पर हुए हमले से की। कांड ने कहा, ”यह बेगुनाह नागरिकों पर बिना किसी उकसावे के किया गया बर्बर हमला है। विश्व को चाहिए कि वह इस्लामी जिहादी चरमपंथियों को इस्राइल व शांति को नष्ट करने के उनके लक्ष्य में सफल न होने दे।
हमें इस्राइल के साथ खड़ा होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अन्य इस्लामिक देश जिहादी आतंकवादियों की मदद न कर सकें।” देशभर के भारतीय अमेरिकी इस संकट की घड़ी में इस्राइल का समर्थन करने और उसके लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए आगे आ रहे हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एक भारतीय छात्र ने हमास की निंदा करने वाले कई राष्ट्रप्रमुखों द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में शामिल नहीं होने के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर निशाना साधा।
हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की मृणालिनी दर्सवाल ने कहा कि चरमपंथियों द्वारा फैलाया जा रहा आतंकवाद भारत को बार-बार निशाना बनाता है, जो सभी स्तर पर इस्राइल के साथ अधिक मजबूती के साथ खड़ा है। हार्वर्ड की छात्रा ने कहा कि इस्राइल के पास अपनी संप्रभुता, शांति और सीमाओं की रक्षा करने का पूरा अधिकार है। अब समय आ गया है कि हम आतंकवाद को आतंकवाद कहें और हमास के इन वीभत्स और क्रूर कृत्यों की कठोरतम शब्दों में निंदा करें।”