ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत में 1990 के मुकाबले लोग 7.9 साल अधिक जी रहे हैं। लैंसेट में प्रकाशित अध्ययन से यह खुलासा हुआ है। अध्ययन के अनुसार महामारी के झटके के बावजूद बीते तीन दशक में भारत सहित पूरी दुनिया में जीवन प्रत्याशा बढ़ी है। दुनिया भर में लोग 1990 की तुलना में 2021 में औसतन 6.2 साल अधिक समय तक जी रहे हैं।
प्रमुख बीमारियों से मौतों की कमी मुख्य वजह
जीवन प्रत्याशा बढ़ने की मुख्य वजह गंभीर बीमारियों से होने वाली मौतों में कमी बताई गई है। हालांकि गंभीर बीमारियां अब भी वही हैं जो 1990 में थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि डायरिया, सांसों के संक्रमण, स्ट्रोक और इस्केमिक हृदय रोग जैसी बीमारियों से होनेवाली मौतों में कमी आई है। शोध में यह भी कहा गया है कि 2020 में कोविड-19 महामारी नहीं आई होती तो जीवन प्रत्याशा और भी ज्यादा होती।
जीवन प्रत्याशा औसत से अधिक
भारत में तीन दशकों में जीवन प्रत्याशा में 7.9 वर्ष की वृद्धि हुई है। दक्षिण एशिया के देशों में 1990 और 2021 के बीच जीवन प्रत्याशा में दुनिया के अन्य हिस्सों के मुकाबले दूसरी सबसे बड़ी वृद्धि हुई है, जिसका मुख्य कारण डायरिया से होने वाली मौतों में भारी गिरावट है।
कोरोना महामारी ने डाला बड़ा प्रभाव
कोरोना महामारी की वजह से 2019 और 2021 के बीच दुनियाभर में जीवन प्रत्याशा में 1.6 साल की कमी आई। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जीवन प्रत्याशा में काफी उतार-चढ़ाव भी नजर आया। दक्षिण-पूर्व एशिया, पूर्वी एशिया और ओशेनिया में कुल मिलाकर 8.3 साल की वृद्धि दर्ज की गई। इस क्षेत्र में कोविड-19 के कारण जीवन प्रत्याशा में सबसे कम कमी आई। कोविड-19 के कारण सबसे अधिक 3.6 साल जीवन की हानि लैटिन अमेरिका और कैरेबियन में हुई।