ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) दौरे के बाद यूएई में भी यूपीआई यानी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सुविधा शुरू हो गई है। सामान्य भाषा में कहें तो वहां भी मोबाइल से रुपये का लेनदेन आसान हो जाएगा। यूपीआई सुविधा अब फ्रांस, सिंगापुर, श्रीलंका, मॉरीशस, नेपाल और भूटान आदि देशों में शुरू हो गई है। यह भारत और अन्य देशों दोनों के लिए लाभकारी है। इससे लेन-देन आसान होगा। केवल यूई में 35 लाख से अधिक भारतीय रहते हैं। अब उन्हें अपने घर पैसे भेजने में आसानी होगी। वे कुछ ही सेकेंड में अपने घर पैसा भेज सकेंगे। अलग से चार्जेज भी नहीं देना होगा। इसी तरह कोई भारतीय इन देशों में घूमने जाएगा तो उसको भी वहां की करेंसी की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कई अन्य बड़े फायदे भी
जाहिर है भारतीय मुद्रा वैश्वीकरण की ओर है। यूपीआई सुविधा इन देशों में शुरू होने से भारत के साथ उन देशों में भी डिजिटल अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। यूपीआई विदेशी व्यापारियों के लिए भारत में लेनदेन आसान बनाएगी। स्थानीय करेंसी की स्थिति भी मजबूत होगी। इन देशों की डॉलर पर से निर्भरता घटेगी। भारतीय मुद्रा के वैश्वीकरण में यूपीआई मदद करेगा।
पर्यटन क्षेत्र मजबूत होगा
इससे पर्यटन क्षेत्र मजबूत होगा। भारतीय पर्यटकों के लिए सिंगापुर, मॉरीशस, श्रीलंका और यूएई काफी मायने रखते हैं। आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2023 में 11 लाख भारतीयों ने सिंगापुर और 2.3 लाख ने श्रीलंका यात्रा की थी। इसी तरह लाखों की संख्या में भारतीय हर वर्ष भूटान, नेपाल, यूएई और मॉरीशस की यात्रा करते हैं। यूपीआई शुरू होने से न केवल वहां ज्यादा संख्या में लोग यात्रा के लिए जाएंगे बल्कि पैसे भी ज्यादा खर्च करेंगे। इससे वहां की अर्थव्यवस्था भी बढ़ेगी।
2023 में 72 लाख से अधिक लोग भारत आए थे
वर्ष 2023 में करीब 72 लाख से अधिक लोग भारत में यात्रा के लिए आए थे। इनमें अधिकतर पर्यटक इन्हीं देशों के थे। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ पहुंचा। इससे बैंकिंग सेवाओं को भी मजबूती मिली। यूपीआई सीधे बैंकों से जुड़ी सुविधा है। डिजिटल पेमेंट सुविधा बढ़ते से बैंकिंग सेक्टर में सुधार और मजबूती आएगी।
डिजिटल लेनदेन का लाभ
डिजिटल लेनदेन का हिसाब होने से न केवल टैक्स का लाभ सरकारों को होता है बल्कि आम जनता को भी कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। इनमें एक सुविधा लोन यानी बैंकों से ऋण है। जब लोगों के पास बैंक खाते नहीं होते थे तो उन्हें लोन नहीं मिलता था क्योंकि उनका सिबिल स्कोर ही नहीं बन पाता था।
आज देश की आर्थिक तरक्की में ऋण भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
ऋण की अहमियत
करीब 72 फीसदी लोग ऋण लेकर ही कोई स्टार्ट अप शुरू करते हैं। यूपीआई में केवाइसी यानी ‘नो योर कस्टमर’ भी अनिवार्य कर रखा है। इससे हर व्यक्ति अब डॉक्यूमेंटेशन की ओर भी बढ़ रहा है। देश में करीब 1.3 अरब लोगों के पास आधार कार्ड और 70.24 करोड़ से अधिक लोगों के पास पैन कार्ड हैं। कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि जैसे-जैसे अन्य देशों में यूपीआई की सुविधा शुरू होगी, इससे भारत न केवल आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त होगा बल्कि संबंधित देशों को भी इसका लाभ होगा।