गुलशन वर्मा
नई दिल्ली। भारत दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से आगे बढ़ रहा है। देश आने वाले समय मंह 10 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है और जल्द ही यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी जीडीपी बन जाएगा। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के अध्यक्ष बोर्गे ब्रेंडे ने कहा, यह रेखांकित करना आवश्यक है कि आर्थिक वृद्धि संतोषजनक है, खासकर भारत के मामले में, जहां हम 7 फीसदी की वृद्धि देख रहे हैं।
भारत के अगले दो से तीन वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी जीडीपी बनने के लक्ष्य पर ब्रेंडे ने कहा, भारत महत्वपूर्ण सुधारों से गुजरा है। वह दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं, अमेरिका और चीन की तुलना में अच्छी स्थिति में है। इसके अलावा, भारत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में अच्छी वृद्धि देख रहा है। अब भारत में बहुत सारी विनिर्माण गतिविधियां हो रही हैं, जो अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं में होती थीं।
भारत आते हैं तो उम्मीद से भरा महसूस करते हैं
ब्रेंडे ने एक साक्षात्कार में कहा, जब आप भारत आते हैं तो उम्मीद से भरा महसूस करते हैं। ऐसा हर जगह महसूस नहीं होता। हम भू-राजनीतिक मंदी, खंडित व ध्रुवीकृत दुनिया का सामना कर रहे हैं लेकिन, अब भी ऐसे क्षेत्र हैं, जहां हम सहयोग कर सकते हैं। भू-राजनीतिक संघर्षों से निपटने में भारत की भूमिका पर उन्होंने कहा, हम आने वाले वर्षों में वैश्विक राजनयिक स्तर पर भारत की बड़ी छाप देखेंगे।
डिजिटलीकरण में भारत महत्वपूर्ण देश
डब्ल्यूईएफ अध्यक्ष ने भारत की डिजिटल प्रतिस्पर्धात्मकता की तारीफ करते हुए कहा, आज दुनिया में डिजिटल व्यापार पारंपरिक कारोबार की तुलना में बहुत तेजी से बढ़ रहा है। बात जब डिजिटलीकरण की आती है तो 1.4 अरब लोगों के पास डिजिटल आईडी, लिंक्ड बैंक खाते और प्रभावी भुगतान प्रणाली के साथ भारत महत्वपूर्ण देश है।
10 साल के मजबूत सुधारों ने रखी ठोस विकास की नींव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार की ओर से पिछले 10 वर्षों में शुरू किए गए मजबूत सुधार उपायों ने आने वाले दशकों के लिए ठोस आर्थिक विकास की नींव रखी है। बड़े वैश्विक निवेशकों के लिए भारत को नजरअंदाज करना असंभव होगा।जेफरीज इक्विटी रिसर्च ने एक रिपोर्ट में कहा, भारत की जीडीपी अगले चार वर्षों में 5 लाख करोड़ डॉलर की हो जाएगी। देश 2027 तक जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। 2030 तक जीडीपी का आकार 10 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगा। जीएसटी व्यवस्था ने कराधान को सरल बनाया है। दिवालिया कानून में सुधारों से कॉरपोरेट और बैंकिंग क्षेत्र की बैलेंस शीट व कामकाज में बड़े पैमाने पर सुधार हुआ। भारतीय शेयर बाजारों में 2023 में 20 अरब डॉलर का निवेश आया।
पीएम मोदी का हमेशा स्वागत
विश्व आर्थिक मंच समय आने पर भारत सरकार के सहयोग से डब्ल्यूईएफ इंडिया शिखर सम्मेलन के साथ देश में वापस आने की उम्मीद करता है। हमने इस साल दावोस में देखा कि भारत को लेकर दुनिया की काफी दिलचस्पी है और मुझे लगता है कि यह आने वाले समय में भी यह क्रम जारी रहेगा। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दावोस में हमेशा बहुत-बहुत स्वागत है।
-बोर्गे ब्रेंडे, अध्यक्ष, विश्व आर्थिक मंच