गुलशन वर्मा
नई दिल्ली। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के रोमांचक फाइनल में मलेशिया को 4-3 से हराकर चौथी बार खिताब अपने नाम कर लिया। चेन्नई में खेले गए फाइनल में मेजबान भारत हाफ टाइम तक 1-3 से पिछड़ रहा था लेकिन एक मिनट के अंदर दो गोल दाग कर 3-3 की बराबरी कर ली। आखिरी क्षणों में आकाशदीप सिंह ने गोल कर भारत की जीत सुनिश्चित कर दी। इससे पहले भारत 2011, 2016 और 2018 में चैंपियन बना था। 2012 में टीम इंडिया को उप विजेता से संतोष करना पड़ा था।
भारत के लिए जुगराज सिंह (9वें मिनट), कप्तान हरमनप्रीत सिंह (45वें), गुरजंत सिंह (45वें) और आकाशदीप सिंह (56वें) ने जबकि मलेशिया की तरफ से अबू कमाल अजराई (14वें), रहीम राजी (18वें) और मोहम्मद अमीनुदीन (28वें) ने गोल दागे।
45वें मिनट में पासा पलटा
भारत ने एक मिनट के भीतर दो गोल कर स्कोर बराबर कर दिया। कप्तान हरमनप्रीत ने पेनाल्टी स्ट्रोक से 45वें मिनट में गोल दागा जबकि गुरजंत सिंह ने फील्ड गोल कर स्कोर 3-3 से बराबर कर दिया। हाफ टाइम तक भारत 1-3 से पिछड़ रहा था। भारत की शुरुआत शानदार रही लेकिन मलेशिया ने टीम वर्क व शानदार खेल से बढ़त बना कर भारत पर लगातार दबाव बनाए रखा। भारत के तेजतर्रार पलटवार ने बाजी पलट दी और ट्राफी पर कब्जा जमा लिया।
सेमीफाइनल में भारत का सामना दोबारा जापान से हुआ था जहां मेजबान टीम इंडिया ने मौजूदा एशियाई चैंपियन टीम को 5-0 से रौंदकर फाइनल में एंट्री मारी थी। भारत ने इस टूर्नामेंट में अभी तक तक सात बार हिस्सा लिया है तथा पांच बार फाइनल में पहुंच कर तीन बार चैंपियन बना है।
फाइनल से पहले भारत और मलेशिया की टीमें 34 बार भिड़ी थीं जिनमें से भारत 23 मैचों में विजयी रहा। मलेशिया सिर्फ 7 मैच ही जीत पाया था। इस जीत के साथ भारत इस टूर्नामेंट के सबसे ज्यादा खिताब जीतने वाला देश बन गया है। मुकाबले के आखिरी दो क्वार्टर में भारतीय खिलाड़ियों ने तीन गोल दागते हुए जीत हासिल की।
हर क्वार्टर में बदला मैच
पहला क्वार्टर : दोनों ही टीमों ने मैच की आक्रामक शुरुआत की। 9वें मिनट में जुगराज सिंह ने पेनाल्टी कार्नर पर गोल करते हुए भारत को 1-0 की बढ़त दिलाई।14वें मिनट में मलेशिया अजराई बाबू कमाल ने 14वें मिनट में मैदानी गोलकर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया।
दूसरा क्वार्टर: डबल गोल कर मलेशिया ने हाफ टाइम तक 3-1 की बढ़त हासिल कर ली। मलेशियाई खिलाड़ी पेनाल्टी कॉर्नर की तलाश में थे। उन्हें 18वें मिनट में सफलता मिली। यहां रहीम रजी ने नेट के टॉप में ड्रैग फ्लिक कर गोल दाग दिया। 28वें मिनट में मलेशिया को पेनाल्टी कॉर्नर मिला, जिस पर मोहम्मद महमुद्दीन ने गोल किया।
तीसरा क्वार्टर: हाफ टाइम तक 3-1 से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम ने तीसरे क्वार्टर में जोरदार वापसी की। मैच के 45वें मिनट में भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पेनाल्टी स्ट्रोक पर शानदार गोल दागा। फिर कुछ ही सेकंड में गुरजंत सिह ने फील्ड गोलकर भारत को बराबरी दिला दी।
चाैथा क्वार्टर: इसकी शुरुआत 3-3 के स्कोर के साथ हुई। फ्रंटलाइनर आकाशदीप सिंह ने 56वें मिनट में मंदीप सिंह के पास पर गोल करते हुए मुकाबला भारत के पक्ष में कर दिया। आखिरी के चार मिनट में मलेशियाई खिलाड़ी बराबरी का गोल नहीं कर रहे और ट्रॉफी भारत की झोली में आई।
जापान को कांस्य
फाइनल से पहले साउथ कोरिया और जापान के बीच थर्ड प्लेस मैच खेला गया। इसमें जापान ने साउथ कोरिया को 5-3 से हराया। पहला हाफ यानी दो क्वार्टर तक मुकाबला 3-3 से बराबरी पर था, लेकिन फिर अगले 2 क्वार्टर में जापान ने मैच में बढ़त बना ली।
अच्छे प्रदर्शन का मिला फायदा, रैंकिंग सुधरी
भारत एफआईएच हॉकी रैंकिंग में नंबर-3 पर आ गया है। उसे एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी में अच्छे प्रदर्शन का फायदा मिला है। टीम 2021 के बाद पहली बार इस पोजिशन पर आई है। रविवार को जारी रैंकिंग में भारतीय टीम के 2771.35 अंक हो गए हैं, जबकि नंबर-2 की टीम बेल्जियम के खाते में 2917.87 अंक हैं। इस सूची के टॉप पर नीदरलैंड की टीम है। डच टीम के नाम 3095.90 अंक हैं। जर्मनी की टीम चौथे स्थान पर है।