डॉ. सीमा द्विवेदी
चेन्नई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि जैव विविधता के संरक्षण, सुरक्षा, बहाली एवं उनके संवर्धन पर कार्रवाई करने में भारत लगातार आगे रहा है और अपने अद्यतन लक्ष्यों के माध्यम से देश ने और भी ऊंचे मानक तय किए हैं।
जी20 पर्यावरण एवं जलवायु स्थिरता पर आयोजित मंत्रिस्तरीय बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें यह कहते हुए गर्व होता है कि भारत ने अपने महत्वाकांक्षी ‘‘राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान” के माध्यम से इस दिशा में नेतृत्व किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने 2030 के लक्ष्य से नौ साल पहले ही गैर-जीवाश्म ईंन्धन स्रोतों से अपनी स्थापित विद्युत क्षमता हासिल कर ली है। आज स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के मामले में भारत दुनिया में पांचवें नंबर पर है।
प्रोजेक्ट टाइगर
उन्होंने कहा कि भारत ने बाघों के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है। ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ से मिली सीख के आधार पर हाल में धरती पर बाघों की सात प्रजातियों के संरक्षण के लिए देश ने ‘‘इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस” नामक पहल की है।‘बाघ परियोजना’ का ही नतीजा है कि आज दुनिया में बाघों की कुल आबादी में से 70 प्रतिशत बाघ भारत में पाये जाते हैं। भारत ‘प्रोजेक्ट लॉयन’ और ‘प्रोजेक्ट डॉल्फिन’ पर भी काम कर रहा है।
महासागर व उसके संसाधन
महासागर और उसके संसाधनों को बचाने पर जोर देते हुए पीएम ने कहा कि समुद्री संसाधनों का जिम्मेदारीपूर्ण उपयोग और प्रबंधन बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, मैं टिकाऊ और लचीली नीली और महासागर आधारित अर्थव्यवस्था के लिए जी20 के उच्च-स्तरीय सिद्धांतों को अपनाने के लिए उत्सुक हूं।
प्लास्टिक प्रदूषण
उन्होंने जी20 से प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के लिए एक प्रभावी अंतरराष्ट्रीय कानूनी रूप से बाध्यकारी उपकरण पर रचनात्मक रूप से काम करने का आह्वान किया। चौथी जी20 पर्यावरण और जलवायु स्थिरता मंत्रिस्तरीय बैठक चेन्नई में आयोजित की गई।