ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने बजट में संपत्ति की बिक्री पर मिलने वाले इंडेक्सेशन बेनिफिट को खत्म करने की घोषणा की गई है। अब तक प्रॉपर्टी बेचने वाले लोग अपनी खरीद कीमत नहीं बढ़ा पाएंगे और अपने पूंजीगत लाभ को कम नहीं कर पाएंगे। अब तक की व्यवस्था में प्रॉपर्टी की सेल से होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के भीतर 20 प्रतिशत टैक्स लगाया जाता था। अब प्रॉपर्टी की सेल पर पूंजीगत लाभ के लिए इंडेक्सेशन बेनिफिट के बिना 12.5 प्रतिशत का नया एलटीसीजी टैक्स रेट लागू होगा।
इसे एक उदाहरण की मदद से समझते हैं। मान लीजिए आपने वित्त वर्ष 2002-2003 में 25 लाख रुपये में एक प्रॉपर्टी खरीदी। आप वित्त वर्ष 2023-2024 में एक करोड़ रुपये में यह प्रॉपर्टी बेच देते हैं। मौजूदा नियमों के अनुसार 25 लाख रुपये की खरीद कीमत को इनकम टैक्स द्वारा नोटिफाई किए गए सीआईआई नंबरों के साथ बढ़ा सकते हैं। लेकिन नया नियम लागू हो जाने के बाद खरीद मूल्य को बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। टैक्सपेयर को बिक्री मूल्य से खरीद मूल्य को कम करके पूंजीगत लाभ की गणना करनी होगी। सीतारमण ने कहा कि इससे टैक्सपेयर और टैक्स अधिकारियों के लिए कैपिटल गेन की गणना करना आसान हो जाएगा।
सीआईआई क्या है
हर वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स विभाग इंडेक्सेशन बेनिफिट की गणना में उपयोग किए जाने के लिए एक कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (सीआईआई) प्रकाशित करता है। इसका यूज लॉन्ग टर्म कैपिटल एसेट की इन्फ्लेशन-एडजस्टेड कॉस्ट की गणना करने के लिए किया जाता है। टैक्सेबल कैपिटल गेन का निर्धारण करने के लिए एसेट की सेल वैल्यू से इन्फ्लेशन-एडजस्टेड एक्विजिशन कॉस्ट को हटा दिया जाता है। हालांकि, इंडेक्सेशन बेनिफिट केवल खास तरह की एसेट्स पर उपलब्ध है। सीआईआई नंबर हर साल बदलता है। प्रॉपर्टी खरीदने वाले व्यक्ति को खरीद वर्ष के हिसाब से एक नंबर मिलता है। जाहिर है कि जब प्रॉपर्टी बेची जाती है, तब भी कोई न कोई नंबर चल रहा होता है। इन्हीं नंबरों के आधार पर महंगाई को कीमत में एडजस्ट किया जाता है।
उदाहरण के लिए आपने 2016-17 में एक प्रॉपर्टी एक लाख रुपये में खरीदी। तब सीआईआई 264 था। अब आपने 2023-24 में उस प्रॉपर्टी को 1.6 लाख रुपये में बेच दिया। इस साल के लिए सीआईआई नंबर 348 है। इस तरह आपको 60 प्रतिशत का फायदा मिल गया। जिस प्राइस पर आपने बेचा, उस पर कैपिटल गेन टैक्स भी तो चुकाना होगा। अब तक 20 प्रतिशत के हिसाब से कैपिटल गेन टैक्स लगता था, मगर यह पूरे फायदे पर नहीं लगता था। अब अगर 348 को 264 से भाग दिया जाए तो यह 1.4 गुना बनता है। इस लिहाज से जो प्रॉपर्टी आपने एक लाख रुपये में खरीदी थी, उसकी कीमत 2023-24 में 1.4 लाख रुपये होती। इस तरह आपका फायदा केवल 20 हजार रुपये का है।
20 हजार रुपये पर 20 प्रतिशत का कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होगा
ऐसे में आपको 20 हजार रुपये पर 20 प्रतिशत का कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होगा। इस तरह आपको केवल 4,000 रुपये का टैक्स देना पड़ता लेकिन नए नियम के मुताबिक आपको पूरे 60 हजार रुपये पर टैक्स देना होगा। अब टैक्स को घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है। इस हिसाब से आपको अपने फायदे पर 7,500 रुपये चुकाने पड़ेंगे। यानी अब आपको लगभग दोगुना पैसा टैक्स में चुकाना पड़ जाएगा।