ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख निकल चुकी और अब लोग आईटीआर रिफंड का इंतजार कर रहे हैं। कुछ लोगों को उनके रिफंड मिल भी गए होंगे, लेकिन बहुत से लोग अभी भी रिफंड के इंतजार में हैं। रिफंड को लेकर हाल ही में निर्मला सीतारमण ने भी एक बड़ी बात कही थी। उन्होंने कहा था कि पिछले 10 सालों में इनकम टैक्स रिफंड प्रोसेस होने का वक्त तेजी से कम हो गया है।
निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा था कि 2013-14 में इनकम टैक्स रिटर्न को प्रोसेस कर के रिफंड जारी करने में औसतन 93 दिन का वक्त लगता था, वहीं अगर अभी की बात करें तो साल 2023-24 में औसतन 10 दिन में लोगों को उनका रिफंड मिल जा रहा है। यहां एक बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या रिफंड सिर्फ 10 दिन में प्रोसेस हो जाता है? आयकर विभाग की वेबसाइट पर तो लिखा है कि रिफंड आने में 4-5 हफ्ते लगते हैं।
हर आईटीआर नहीं होता 10 दिन में प्रोसेस
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये साफ किया कि हर आईटीआर 10 दिन में प्रोसेस नहीं होता है। आईटीआर को प्रोसेस होने में औसतन 10 दिन का समय लगता है। किसी आईटीआर फॉर्म में जितनी ज्यादा कठिनाइयां होंगी, उसे प्रोसेस करने में उतना ही अधिक वक्त लगेगा। आईटीआर-1की तुलना में आईटीआर-2 अधिक मुश्किल है और आईटीआर-2 की तुलना में आईटीआर-3 में दिक्कतें ज्यादा हैं। ऐसे में परेशानियों से हिसाब से आईटीआर प्रोसेसिंग टाइम बढ़ता चला जाएगा।
इनकम टैक्स के पूर्व चीफ कमिश्नर रामकृष्ण श्रीनिवासन के अनुसार सबसे पहले आईटीआर-1 के रिफंड प्रोसेस किए जाते हैं। उसके बाद नंबर आता है आईटीआर-2 का और फिर आईटीआर-3 का। यानी जैसे-जैसे आईटीआर फॉर्म कठिन बनता जाता है, उसी तरह रिफंड को भी प्रोसेस किया जाता है।
हालांकि, अगर आपने आईटीआर आखिरी तारीख पर या उसके बहुत पास आने पर भरा है, तो आपको रिफंड मिलने में देर हो सकती है. आईटीआर-2 और आईटीआर-3 के रिफंड, जिनमें कोई डिफेक्ट या दिक्कत न हो, आपको वह मिलने में कुछ महीनों तक का वक्त लग सकता है।