ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर के ट्रेंड्स में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। देश में लोग ईवी से दोगुनी कीमत होने के बावजूद हाइब्रिड कारों पर भरोसा कर रहे हैं। अप्रैल-जून के बीच हाइब्रिड वाहनों ने ईवी की बिक्री को पीछे छोड़ दिया है।
वाहन डैशबोर्ड के डेटा के मुताबिक देश में अप्रैल से 11 जून के बीच 7500 – प्रतिमाह के हिसाब से 15,000 ईवी बिकीं, जबकि हाइब्रिड की बिक्री 59,814 रही। प्योर इलेक्टि्रक कारें 8 लाख रुपए से शुरू होती हैं, वहीं हाइब्रिड कारों की कीमत 17 लाख से शुरू है। मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, फरवरी में अमेरिका में ईवी बिक्री की तुलना में हाइब्रिड की बिक्री पांच गुना तेजी से बढ़ी है।
हाइब्रिड कारों को क्यों पसंद कर रहे हैं
• अच्छी माइलेज देती हैं। इनसे लॉन्ग रूट पर 25-30 किमी प्रति लीटर माइलेज मिलती है।
•रनिंग कॉस्ट कम
ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट्स के मुताबिक हाइब्रिड कारों की रनिंग कॉस्ट लंबी अवधि में ईवी से कम होती है।
•चार्जिंग इन्फ्रा की चिंता नहीं
ईवी के लिए चार्जिंग इन्फास्ट्रक्चर की कमी बड़ी समस्या है। हाइब्रिड कारें फ्यूल और बैटरी दोनों से चल सकती हैं।
• रेंज एंग्जाइटी नहींः ईवी में रेंज एंग्जाइटी यानी कम चार्जिंग में लंबी दूरी तय करने को लेकर चिंता भी बरकरार है। हाइब्रिड कारें इस चिंता से निजात दिलाती हैं। बैटरी चार्ज नहीं होने की स्थिति में पेट्रोल से चला सकते हैं।
• कार्बन उत्सर्जन में कमीः विशेषज्ञों के मुताबिक हाइब्रिड कारें कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में मददगार हैं। देश को महंगे कच्चे तेल के आयात में कटौती करने में मदद मिलती है।
ऑटो कंपनियां भी हाइब्रिड पर कर रहीं फोकस
ऑटो कंपनियों के संगठन सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटो मोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हाइब्रिड कारों की बिक्री पिछले साल 30 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी है। यही वजह है कि मारुति सुजुकी, टोयोटा जैसे जापानी वाहन निर्माता ईवी के बजाय हाइब्रिड पर जोर दे रहे हैं। हुंडई भी 2026 तक भारत में अपनी पहली हाइब्रिड कार लॉन्च करने की योजना बना रही
हाइब्रिड व्हीकल में पेट्रोल या डीजल जैसे इंटरनल कंबश्चन इंजन (आइस) के साथ ही इलेक्टि्रक बैटरी भी होती है, जो वाहनों की रेंज और फ्यूल एफिशिएंसी बढ़ाने में मददगार है। दुनिया में पेट्रोल-डीजल चलित वाहनों के अलावा स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड, माइल्ड हाइब्रिड, प्लग इन हाइब्रिड और प्योर इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता बढ़ रही है।