ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालयों द्वारा सुनवाई के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का इस्तेमाल नहीं करने को लेकर नाराजगी जताई है। शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि कोई भी उच्च न्यायालय दो हफ्ते के बाद वकीलों और वादियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई तक पहुंच से इनकार नहीं कर सकता। उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया कि न्यायाधीशों के लिए प्रौद्योगिकी अब पसंद का विषय नहीं रह गया है।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, सवाल यह नहीं है कि क्या कोई न्यायाधीश तकनीक जानता है या नहीं। यदि आप न्यायाधीश बनना चाहते हैं तो आपको तकनीक के अनुकूल होना होगा। यह कुछ ऐसा ही है जैसे कोई न्यायाधीश यह कहे कि उसे नहीं पता कि न्याय क्या है। पीठ ने कहा कि इसके लिए प्रत्येक न्यायाधीश को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
सभी उच्च न्यायालयों में सुनवाई का हाइब्रिड तरीका समाप्त नहीं किया गया है।