ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। एफडीआई यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में गुजरात ने लंबी छलांग लगाई है और यह राज्य दिल्ली और कर्नाटक को पछाड़ कर देश में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।
भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक गुजरात ने पिछले वित्त वर्ष में 4.7 बिलियन डालर की तुलना में 2024 में 55 फीसदी ज्यादा ग्रोथ हासिल की है। 2.6 बिलियन डालर के अधिक प्रवाह के लिहाज से यह देश में सबसे अधिक ग्रोथ है। गुजरात ने वित्त वर्ष 2024 में 7.3 बिलियन डॉलर का नया प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल किया और कर्नाटक व दिल्ली को पछाड़ दिया है।
उद्योग अनुकूल निर्णय और नीतियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत और ‘वाइब्रेंट गुजरात’ के विजन के अनुरूप गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्रभाई पटेल ने राज्य में कई उद्योग अनुकूल निर्णय और नीतियों को लागू किया है जिसका परिणाम यह हुआ है कि गुजरात ने लगातार तीन वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 2022 में 2.7 बिलियन डालर, वित्त वर्ष 2023 में 4.7 बिलियन डालर और वित्त वर्ष 2024 में 7.3 बिलियन डालर का निवेश हासिल कर लगातार वृद्धि दर्शाई है।
राज्य सरकार ने पीएम मोदी के विजन को दिया श्रेय
गुजरात को लगातार मिल रहे एफडीआई प्रवाह को लेकर राज्य के उद्योग एवं खान विभाग के मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि राज्य में निवेश और व्यापार के लिए ‘स्टेट ऑफ दि आर्ट’ इंडस्टि्रयल इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर इंडस्ट्री फ्रेंडली पॉलिसीज तक हर संभव सुविधा की उपलब्धता हो। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के विशेष प्रयासों के कारण आज गुजरात सेमीकंडक्टर और दूसरे बड़े सेक्टर्स में भी बड़े निवेश हासिल कर रहा है।
गुजरात में एफडीआई प्रवाह के ये हैं प्रमुख कारण
इसके लिए अत्याधुनिक औद्योगिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, उद्योग अनुकूल नीतियां और ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस शामिल हैं। गिफ्ट सिटी साणंद, जीआईडीसी, धोलेरा एसआईआर और मांडल बेचराजी जैसे क्लस्टर-आधारित औद्योगिक एस्टेट्स भी इस एफडीआई प्रवाह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यही कारण है कि वित्त वर्ष 2023-24 में गुजरात ने मार्की प्रोजेक्ट्स जैसे कि सेमीकण्डक्टर सेक्टर में भारी निवेश हासिल किया है।
अक्षय ऊर्जा, सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स नीति
साथ ही पिछले तीन सालों में क्षेत्र-विशिष्ट नीतियों जैसे अक्षय ऊर्जा, सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स नीति के प्रभावी कार्यान्वयन ने भी एफआईआर प्रवाह को आकर्षित करने में सहायता की है। राज्य सरकार द्वारा नए प्लान्ट्स के लिए विभिन्न आर्थिक प्रोत्साहन, जमीन आवंटन में सरलता और पारदर्शिता व लागत में कमी के प्रयासों ने भी गुजरात में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह को प्रोत्साहित किया है।
एफडीआई प्रवाह में देश के शीर्ष 5 राज्यों की स्थिति
वित्त वर्ष 2024 में 15.1 बिलियन डॉलर के कुल प्रवाह के साथ महाराष्ट्र शीर्ष स्थान पर है, उसके बाद 7.3 बिलियन डॉलर के साथ गुजरात दूसरे स्थान पर है। इसी क्रम में कर्नाटक, दिल्ली और तेलंगाना क्रमशः 6.6 बिलियन, 6.5 बिलियन और 3 बिलियन डॉलर के एफडीआई प्रवाह के साथ तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर हैं।