ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। जीएसटी के मोर्चे पर एक बार फिर अच्छी खबर मिली है। जुलाई 2024 में ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 10.3 प्रतिशत बढ़कर 1,82,075 करोड़ रुपये हो गया। इसमें सीजीएसटी 32386 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 40289 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 96447 करोड़ रुपये है, जिसमें आयात पर कलेक्शन करीब 47 हजार करोड़ रुपये शामिल है।
यह ग्रॉस कलेक्शन पिछले वित्त वर्ष में इसी महीने के 1.65 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी राजस्व की तुलना में 10.3 प्रतिशत अधिक है। जीएसटी निदेशालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार रिफंड के बाद जुलाई 2024 में नेट जीएसटी रेवेन्यू कलेक्शन 165793 करोड़ रुपये रहा है जो जुलाई 2023 के नेट कलेक्शन 144897 से 14.4 प्रतिशत अधिक है। बता दें कि अप्रैल 2024 में जीएसटी राजस्व 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
जीएसटी को सरल बनाने पर जोर
हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार जीएसटी को अधिक सरल और युक्तिसंगत बनाने का प्रयास करेगी। वहीं, मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि सरकार जीएसटी दरों की संख्या घटाकर तीन करने के लिए जीएसटी को तर्कसंगत बनाने पर विचार कर रही है। जून महीने में सरकार ने दरों में बदलाव का सुझाव देते हुए जीएसटी काउंसिल को एक अंतिम रिपोर्ट सौंपने के लिए पैनल का गठन किया। बता दें कि वर्तमान में जीएसटी की चार- 5%, 12%, 18% और 28% की दरें लगाई जाती हैं।
लॉजिस्टिक लागत में आई कमी
जीएसटी ने आम आदमी पर कर का बोझ कम किया है और उद्योग के लिए लॉजिस्टिक लागत कम की है। संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2023-24 के मुताबिक जीएसटी प्रणाली ने यह सुनिश्चित किया है कि ट्रक को एक से दूसरे राज्य में जाने के लिए सीमाओं पर कई घंटों तक इंतजार नहीं करना पड़ता है।
आवाजाही के समय में 30 प्रतिशत तक की कमी
आर्थिक समीक्षा कहती है कि ऐसा होने से मालवाहक ट्रकों की आवाजाही में लगने वाले समय में 30 प्रतिशत तक की कमी आई है। इसका लाभ यह हुआ कि ट्रक अब औसतन 325 किलोमीटर की दूरी तय कर रहे हैं जबकि जीएसटी आने से पहले यह दूरी 225 किलोमीटर ही थी। इसके मुताबिक, लॉजिस्टिक गतिविधियों में तेजी आने से देश में विनिर्माण वृद्धि और कारोबार सुगमता को भी बढ़ावा मिला है।