ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया है कि 26/11 आतंकवादी हमले की सबसे कम उम्र की पीड़िता देविका रोटवान को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग योजना के तहत घर देगी।
देविका के घर आवंटन के अनुरोध पर ‘बुनियादी मानवाधिकारों और संवेदनशीलता’ के साथ विचार करने में विफल रहने के लिए हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी।
इसके दो सप्ताह बाद यह फैसला किया गया है। सरकार की ओर से पेश वकील ज्योति चव्हाण ने जस्टिस गिरीश कुलकर्णी और जस्टिस फिरदौस पूनीवाला की बेंच को बताया कि राज्य के आवास विभाग ने रोटवान को महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण या एसआरए (मलिन बस्ती पुनर्वास प्राधिकरण) की किसी परियोजना में ईडब्ल्यूएस योजना के तहत एक घर आवंटित करने का फैसला किया है।
छह महीने के भीतर घर देने को कहा
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार देविका को छह महीने के भीतर घर आवंटित किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि हम (आवास) मंत्री की ओर से लिए गए निर्णय की सराहना करते हैं, जिन्होंने याचिकाकर्ता को इन सालों में हुई पीड़ा को देखते हुए वास्तविक न्याय दिया है।
आतंकी हमले के समय 9 साल की थी पीड़िता
मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमलों के समय देविका नौ साल की थी। वह अपने पिता और भाई के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) रेलवे स्टेशन पर थी, जब दस पाकिस्तानी आतंकवादियों में से दो ने गोलीबारी की थी।