मनोज जैन
नई दिल्ली। बीते वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंकों ने बचत खातों में मिनिमम बैलेंस बनाए न रखने पर खाताधारकों से 2331 करोड़ रुपये जुर्माने के रूप में वसूल किए हैं। लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में वित्त मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि इन बैंकों ने पिछले तीन वर्षों में न्यूनतम शेष राशि न बनाए रखने के लिए खाताधारकों से 5,614 करोड़ रुपये वसूले हैं। वित्त वर्ष में 12 में से 11 सार्वजनिक बैंकों ने खाताधारकों से 25 फीसदी ज्यादा जुर्माना वसूला है।
स्टेट बैंक ने कोई पैसा नहीं लिया
वित्त मंत्रालय की जानकारी के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक ने वित्त वर्ष 2020 में ही न्यूनतम राशि न होने पर जुर्माने का प्रावधान हटा दिया था।
25.63 प्रतिशत अधिक वसूली
शेष 11 बैंकों द्वारा वित्त वर्ष 2024 में खाताधारकों से वसूली गई 2331 करोड़ की रकम वित्त वर्ष 2023 के 1,855.43 करोड़ रुपये से 25.63 प्रतिशत अधिक है।
पंजाब नेशनल बैंक ने की सबसे अधिक वसूली
सबसे ज्यादा 633.4 करोड़ रुपये का जुर्माना पंजाब नेशनल बैंक ने वसूला। बैंक ऑफ बड़ौदा 386.51 करोड़ की राशि के साथ दूसरे स्थान पर रहा। वहीं, इंडियन बैंक ने 369.16 करोड़ रुपये की राशि वसूल की। यदि निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा लगाए गए शुल्कों पर ध्यान दिया जाए तो न्यूनतम शेष राशि पर जुर्माना काफी अधिक होगा।