ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। विदेश से एमबीबीएस पढ़ने वाले छात्रों के लिए बड़ी खबर है। एनएमसी (नेशनल मेडिकल काउंसिल) ने छात्रों के लिए इंटर्नशिप के साल घटा दिए है, जो पहले 3 साल थे, अब उन्हें केवल एक साल इंटर्नशिप करनी होगी। एनएमसी ने एक नोटिस जारी कर इसकी जानकारी दी।
एनएमसी ने कहा कि जिन छात्रों ने ऑनलाइन कक्षाओं की जगह पर फिजिकल मोड में क्षतिपूर्ति कक्षाएं ली हैं और भारत में एमबीबीएस के समान परीक्षा पास की है, वे सभी एक साल की अनिवार्य इंटर्नशिप के लिए पात्र हैं।
एनएमसी का यह फैसला फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स (एफएमजी) के लिए राहत के रूप में आया है जो 3 साल की इंटर्नशिप नियम को लेकर परेशान थे।
क्या कहा गया नोटिस में
एनएमसी ने नोटिस में स्पष्ट किया, दिनांक 07 जून, 2024 को सार्वजनिक सूचना के क्रम में यह स्पष्ट किया जाता है कि सभी छात्र जिन्होंने ऑनलाइन कक्षाओं के बदले फिजिकल रूप से ऑनसाइट कक्षाएं ली हैं और बाद में भारत में एमबीबीएस के समकक्ष परीक्षा पास की है, वे सीआरएमआई विनियम 2021 में निर्दिष्ट 1 साल की अनिवार्य इंटर्नशिप के लिए पात्र होंगे। आयोग ने आगे कहा कि अन्य सभी शर्तें समान रहेंगी।
यह नियम उन छात्रों पर भी लागू होगा जिन्होंने दूसरे देशों से समकक्ष परीक्षा पास की है।
छात्रों ने किया था प्रदर्शन
पिछली घोषणा के बाद, कई एफएमजी छात्रों ने नई नीति के खिलाफ एनएमसी के सामने विरोध प्रदर्शन किया और प्रक्रिया में देरी और 3 साल इंटर्नशिप में आर्थिक और भावनात्मक तनाव का हवाला देते हुए नोटिस को वापस लेने की मांग की।
एनएनसी ने दिया था ये तर्क
हालांकि एनएमसी ने कहा था कि 3 साल की इंटर्नशिप नियम शुरू करने के पीछे का कारण यह था कि कुछ छात्र अपनी मूल यूनिवर्सिटी से गलत तरीके से कंपनसेटरी सर्टिफिकेट ले रहे हैं। आगे कहा था, मेडिकल पेशा अमूल्य इंसानी जिंदगी से जुड़ी है, इसलिए लोगों के जीवन को खराब प्रशिक्षित डॉक्टर के कारण दांव पर नहीं लगाया जा सकता ।
क्या है एफएमजीई
बता दें कि जो छात्र विदेश से मेडिकल एजुकेशन करते हैं और देश में मेडिकल की प्रैक्टिस करना चाहते हैं, उन्हें फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (एफएमजीई) पास करना और कंपलसरी रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप (सीआरएमई) पूरी करना आवश्यक है।