ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। आखिरकार गोखले-सीडी बर्फीवाला ब्रिज को अलाइनमेंट कर आवागमन के लिए खोल दिया गया है । दोनों ब्रिज को अलाइनमेंट करने में 5 महीने का समय लगा।
मुंबईवासियों को लगा था झटका
मुंबई में जब गोखले ब्रिज को 26 फरवरी, 2024 को जनता के लिए खोला गया, तो यह अंधेरी के निवासियों के लिए एक खुशी का क्षण था क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि यह ब्रिज ट्रैफिक जाम को कम करेगा और ईस्ट-वेस्ट अंधेरी को कनेक्ट करने का एक महत्वपूर्ण लिंक बनेगा। यात्रियों को जल्द ही पता चला कि यह एक ऐसा पुल था जो कहीं नहीं पहुंचाता था क्योंकि बीएमसी ने जिसे ‘इंजीनियरिंग मार्वल’ बताया था, उस गोखले ब्रिज और कनेक्टिंग फ्लाईओवर- सीडी बर्फीवाला ब्रिज के बीच छह फीट का गैप था।
– मुंबईकर के तीखे कटाक्षों का शिकार बनना पड़ रहा बीएमसी काे
मीम मैटेरियल बना
यह ब्रिज मीम मैटेरियल बन गया। विपक्ष दलों की आलोचनाओं और इंटरनेट पर मजाक का पात्र बनने के बाद बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कारपोरेशन (बीएमसी) ने आखिरकार रिकॉर्ड 78 दिनों में 6 फीट के गैप को पाटने का चुनौतीपूर्ण काम पूरा कर लिया है। हालांकि, बीएमसी ने जब एक्स पर इस पुल के यातायात के लिए खोले जाने के बारे में घोषणा की, तो अंधेरी निवासियों ने फिर मजा लेने का मौका नहीं छोड़ा।
गजब है, देरी को रिकॉर्ड तोड़ने वाला कहते हैं
बीएमसी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि गोखले ब्रिज रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार है।
बीएमसी के एक्स पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए एक मुंबईकर ने लिखा, ‘गजब है, देरी को रिकॉर्ड तोड़ने वाला कहते हैं’। एक अन्य ने लिखा, ‘बधाई हो! इस कार्य को साइंस म्यूजियम के लिए नामित किया जाना चाहिए’। एक अन्य यूजर ने एक्स पर लिखा, ‘और एक बार उपयोग में आने के बाद, रिकॉर्ड तोड़ने वाले 78 मिनट में हम इस पर गड्ढे देखेंगे!’ 2018 में पुल का एक हिस्सा ढह गया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी. नवंबर 2022 से, गोखले ब्रिज को उसकी जर्जर स्थिति के कारण वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दिया गया था।
8 करोड़ की लागत
कथित तौर पर 8 करोड़ रुपये की लागत से गोखले ब्रिज और सीडी बर्फीवाला फ्लाईओवर के एलाइनमेंट पर काम अप्रैल में शुरू हुआ था। हाइड्रोलिक जैक का उपयोग करके गर्डरों के दो स्पैन को ऊपर उठाया गया, जो दोनों पुलों के बीच एलाइनमेंट को ठीक करने के लिए आवश्यक था। इस मुद्दे के कारण एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ महायुति सरकार और महा विकास अघाड़ी गठबंधन के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था।
मुंबईकर लंबी छलांग लगाकर फ्लाईओवर तक पहुंचेंगे
शिवसेना (यूबीटी) नेता आनंद दुबे ने कहा था, ‘पुलों के बीच ऊंचाई में 1.5 मीटर का अंतर है। सरकार क्या चाहती है? क्या उन्हें उम्मीद है कि मुंबईकर लंबी छलांग लगाकर फ्लाईओवर तक पहुंचेंगे? राज्य सरकार न केवल लापरवाह है, बल्कि उसने मुंबईकरों को धोखा भी दिया है’। आदित्य ठाकरे ने भी शिंदे सरकार की आलोचना करते हुए इसे भ्रष्ट शासन का परिणाम बताया था। उन्होंने एक्स पोस्ट में कहा था, ‘भारत में, शायद दुनिया में पहली बार है कि जिन दो पुलों को आपस में जोड़ा जाना था, उनकी ऊंचाई में 6 फीट का अंतर है!’
रेलवे की नई नीति का परिणाम थी
अपना बचाव करते हुए, शिव सेना के एकनाथ शिंदे गुट ने दावा किया कि जो गड़बड़ी हुई, वह रेलवे की नई नीति का परिणाम थी।