ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत इस साल जी20 की अध्यक्षता कर रहा है। देशभर में इसकी बैठकें हो रही हैं। जम्मू कश्मीर में बैठक को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं। अभी तक 100 से ज्यादा बैठकें हो चुकीं।
जी20 बैठकों में भाग लेने आने वाले मेहमानों का धूमधाम से स्वागत हो रहा है। उन्हें संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की संस्कृति से रूबरू कराया जा रहा है। भारत की विभिन्नता में एकता के दर्शन कर मेहमान खुशी से फूले नहीं समा रहे।
उन्हें पारंपरिक नृत्य और गीतों को दिखाने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। बीते हफ्ते गोवा मंश बैठक का आयोजन हुआ, जो चार दिन तक चली। वहां 8-11 मई को तीसरे विकास कार्य समूह की बैठक हुई थी। इस दौरान गोवा की संस्कृति और कला देख विदेशी मेहमान बहुत खुश दिखाई दिए।
दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर में होने वाली बैठक की तैयारियां जोर शोर से हो रही हैं। यहां विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा। साथ ही सुरक्षा भी काफी बढ़ा दी गई है।
कैसे काम करता है जी20
ये ग्रुप दो प्रमुख चैनलों पर काम करता है- शेरपा ट्रैक और वित्तीय ट्रैक। इसके अलावा इंगेजमेंट ग्रुप भी होता है। इन्हीं के वर्किंग ग्रुप्स के बीच ये बैठकें होती हैं।
वित्तीय ट्रैक : इसमें केंद्रीय बैंक के गवर्नर और वित्त मंत्री वित्त से जुड़े मुद्दों पर बात करते हैं।
शेरपा ट्रैक : इसमें जी20 सदस्य देशों के प्रमुखों द्वारा शेरपाओं को उनके व्यक्तिगत प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया जाता है, ये अन्य मुद्दों पर बैठक करते हैं।
इंगेजमेंट ग्रुप (सहभागी समूह) : इसमें जी20 सदस्य देशों के गैर-सरकारी प्रतिभागी होते हैं। ये जी20 नेताओं को सिफारिशें प्रस्तुत करते हैं, साथ ही नीति-निर्माण प्रक्रिया में योगदान देते हैं।