ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। देशभर में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए केंद्र सरकार संसद के इसी मानसून सत्र में विधेयक लाने की तैयारी में जुट गई है। विपक्ष के विरोध के बावजूद सरकार अपने इसी कार्यकाल में यूसीसी लागू करने को लेकर दृढ़ संकल्प है।
ऐसा हुआ तो अनुच्छेद 370 निरस्त करने, राम मंदिर निर्माण और यूसीसी, भाजपा के तीनों ऐतिहासिक वादे मोदी सरकार के इसी कार्यकाल में पूरे हो जाएंगे। एक संभावना यह जताई जा रही है कि मानसून सत्र में विधेयक पेश करने के बाद व्यापक विमर्श के लिए इसे संसदीय समिति को भेज दिया जाए। बाद में समिति की रिपोर्ट के आधार पर इसे शीतकालीन सत्र में कानूनी जामा पहनाया जाए।
मानसून सत्र 20 जुलाई से श्ाुरू होकर 11 अगस्त तक संसद के पुराने भवन में होगा। 23 दिन चलने वाले सत्र में कुल 17 बैठकें होंगी। विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर सरकार से व्यापक विचार-विमर्श की मांग कर रहा है। संसदीय समिति को विधेयक भेजकर सरकार इस मांग को पूरा कर देगी।
30 दिन में राय मांगी थी : यूसीसी मामले में 22वां विधि आयोग भी सक्रिय हो गया है। आयोग 14 जुलाई को इस विषय पर कानूनी व विधायी मामलों के विभाग से जुड़े प्रतिनिधियों से चर्चा करेगा। 14 जून को आयोग ने इस पर सभी संबंधित पक्षों, धार्मिक संगठनों और लोगों से 30 दिन में राय मांगी थी। यूसीसी पर सार्वजनिक नोटिस जारी किए जाने के बाद अब तक 19 लाख से अधिक सुझाव मिले हैं। लोगों की राय और सुझाव लेने की यह प्रक्रिया 13 जुलाई तक चलेगी जिसे इस मेल आईडी membersecretary-lci@gov.in पर भेजा जा सकता है।
विधि आयोग को राय भेजने की अंतिम तिथि 13 जुलाई यहां भेजें राय membersecretary-lci@gov.in
एनडीपीपी विरोध में : नगालैंड के सीएम नेफ्यू रियो के नेतृत्व वाली नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) ने कहा कि यूसीसी लागू होने से अल्पसंख्यकों व आदिवासियों की स्वतंत्रता व अधिकारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। नगालैंड में एनडीपीपी भाजपा का सहयोगी दल है।
उद्धव दे सकते हैं समर्थन : उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूसीसी पर केंद्र सरकार का समर्थन कर सकती है। हालांकि अंतिम फैसला करने से पहले उद्धव पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करेंगे।
न्याय की एकरूपता ही यूसीसी का लक्ष्य : खान
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने यूसीसी का समर्थन करते हुए कहा कि इस कानून का लक्ष्य न्याय की एकरूपता हासिल करना है, न कि व्यवहार की एकरूपता। यह किसी धर्म को निशाना नहीं बनाता
यूसीसी लागू होने से मतभेद के समय कोर्ट यह नहीं कह सकेगा कि आप हिंदू हैं, इसलिए आप के साथ अलग व्यवहार होगा और मुस्लिम हैं तो अलग।
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता की ड्राफ्टिंग कमेटी की प्रमुख सेवानिवृत्त जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने कहा कि उत्तराखंड के लिए प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा पूरा हो गया है और इसे जल्द ही राज्य सरकार को सौंप दिया जाएगा। उनकी अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशें लागू होने पर महिलाएं सशक्त होंगी और समाज का धर्मनिरपेक्ष ताना-बाना मजबूत होगा। उधर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता जल्द ही राज्य में लागू की जाएगी। जस्टिस देसाई ने यह भी कहा कि समिति ने अपनी पहली बैठक पिछले साल चार जुलाई को दिल्ली में की थी और तब से समिति 63 बैठक कर चुकी हैं। इस संबंध में गठित उपसमिति ने 163 बैठकें कीं।