ब्लिट्ज ब्यूरो
अहमदाबाद। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने उत्तर गुजरात, सौराष्ट्र के किसानों और नागरिकों को नर्मदा का पानी उपलब्ध कराने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। नर्मदा बांध के अपस्ट्रीम में व्यापक वर्षा के परिणामस्वरूप सरदार सरोवर बांध में जल स्तर बढ़ गया है, जिससे यह पानी उत्तरी गुजरात, सौराष्ट्र के जलाशयों में डाला जाएगा।
राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री के निर्देशन में उत्तर गुजरात के बनासकांठा, पाटन, मेहसाणा और साबरकांठा जिलों के कुल 952 जलाशयों में 13 विभिन्न पाइपलाइनों के माध्यम से नर्मदा जल की आपूर्ति करने की अग्रिम योजना बनाई है।
फिलहाल इन पाइप लाइनों के जरिए 1 हजार क्यूसेक पानी इन झीलों तक पहुंचाना शुरू किया गया है, आने वाले दिनों में इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 2400 क्यूसेक पानी तक पहुंचाया जाएगा और उत्तर गुजरात की इन झीलों तक पहुंचाया जाएगा।
राज्य सरकार ने सौराष्ट्र के सुरेंद्रनगर, राजकोट, मोरबी, बोटाद, भावनगर, जामनगर और अमरेली जिलों के कुल 40 जलाशयों में विभिन्न योजनाओं की 4 पाइपलाइनों के माध्यम से नर्मदा से पानी की आपूर्ति करने की पूर्व योजना बनाई है।
बारिश की स्थिति में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के निर्देशन में इन जिलों के लगभग 600 चेक डैम/तालाबों को भी भरने की योजना है। वर्तमान में पेयजल आपूर्ति के लिए आरक्षित जलाशयों को प्राथमिकता दी जा रही है।
भारी बारिश से बढ़ा नर्मदा नदी का जलस्तर
गुजरात के सरदार सरोवर डैम का जलस्तर बढ़ने से नर्मदा नदी में पानी छोड़ा गया है, जिससे नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। सरदार सरोवर नर्मदा बांध के 5 गेट खोले गए हैं, जिनसे एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसकी वजह से गरुड़ेश्वर के पास नर्मदा नदी पर बना गरुड़ेश्वर वियर डैम ओवरफ्लो हो गया। मध्यप्रदेश में भारी बारिश की वजह से बांध में 2 लाख 95 हजार 972 क्यूसेक पानी आया है, जिससे नर्मदा बांध 87 फीसदी भर चुका है। इस वक्त नर्मदा बांध में 3823.60 मिलियन क्यूबिक मीटर लाइव स्टोरेज पानी भर गया है। इस सीजन में पहली बार नर्मदा बांध पर 134.59 मीटर पर पानी पहुंचा है, जबकि बांध की अधिकतम सतह 138.68 मीटर है। नर्मदा बांध अधिकतम स्तर से मात्र 4 मीटर दूर है।