ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि सरकार इलेक्टि्रक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए फेम-3 योजना पर काम कर रही है और बजट के बाद इसे लागू किया जाएगा। भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री ने यहां मोटर वाहन उद्योग संगठन सियाम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पत्रकारों से कहा कि हाइब्रिड और इलेक्टि्रक वाहनों को तेजी से अपनाने व मैन्यूफैक्चरिंग (फेम) की योजना के तीसरे चरण को आगामी केंद्रीय बजट में शामिल नहीं किया जाएगा। फेम (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ (हाइब्रिड) इलेक्टि्रक व्हीकल इन इंडिया) योजना 2011 में इलेक्टि्रक मोबिलिटी पर राष्ट्रीय मिशन के एक भाग में शुरू की गई थी।
मोटर वाहन उद्योग की मांग
फेम-3 योजना पर मोटर वाहन उद्योग की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘पहले से ही इस पर काम जारी है। फेम-3 कार्यक्रम लागू करने के संबंध में सभी मंत्रालयों ने सिफारिश की है। बजट के बाद इसे लागू किया जाएगा।’ हालांकि, पूर्ण बजट में फेम-3 की घोषणा किए जाने से उन्होंने इन्कार किया।
वर्ष की शुरुआत में घोषणा की थी
भारी उद्योग मंत्रालय ने इस वर्ष की शुरुआत में घोषणा की थी कि फेम योजना के दूसरे चरण के तहत सब्सिडी 31 मार्च 2024 तक या जब तक धन उपलब्ध है (जो भी पहले हो) बेचे गए ई-वाहनों के लिए पात्र होगी। साथ ही कार्यक्रम का परिव्यय 10,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 11,500 करोड़ रुपये कर दिया गया था।
– पीएम लेंगे हाइब्रिड वाहनों पर लगने वाले कर में कटौती पर फैसला
हाइब्रिड वाहनों पर कर में कटौती के मुद्दे पर कुमारस्वामी ने कहा कि इस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व से चर्चा की जाएगी और वहीं उस पर अंतिम निर्णय लेंगे। इस पर वित्त मंत्रालय काम करेगा। उनके मंत्रालय द्वारा हाइब्रिड वाहनों पर कर में कटौती की सिफारिश करने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘देखते हैं।
टेस्ला के सवाल पर कोई चर्चा नहीं हुई
टेस्ला के नई ईवी नीति के तहत भारत में निवेश की मंशा के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी तक इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है। सरकार के 2030 तक कुल वाहनों में इलेक्टि्रक वाहनों (ईवी) की स्वीकार्यता को 30 प्रतिशत के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए भारतीय वाहन उद्योग को दो लाख कुशल लोगों की आवश्यकता होगी। भारतीय वाहन मैन्यूफैक्चरर्स के संगठन सियाम ने कहा कि कार्यबल को काम पर रखने और प्रशिक्षित करने के लिए कुल 13,552 करोड़ रुपये के प्रतिभा निवेश की उम्मीद है।
वाहन उद्योग के सामने बड़ी बाधा
सियाम के प्रेसिडेंट विनोद अग्रवाल ने भारतीय वाहन उद्योग में ईवी से संबंधित कार्यबल को मजबूत बनाने पर एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा, ‘वाहन उद्योग के सामने सबसे बड़ी बाधाओं में से एक इलेक्ट्रिक वाहन के लिए कुशल और सक्षम जनशक्ति की कमी है।’ अग्रवाल वोल्वो आयशर कमर्शियल व्हीकल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ भी हैं।
2015 में शुरू की गई थी फेम योजना
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए फास्टर एडाप्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग आफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम) योजना का पहला चरण एक अप्रैल, 2015 को दो साल के लिए शुरू किया गया था। बाद में इस योजना को 31 मार्च, 2019 तक बढ़ा दिया गया।
फेम-1 के तहत कुल 529 करोड़ आवंटित
फेम-1 के तहत कुल 529 करोड़ रुपये आवंटित किए गए और इसका पूरा उपयोग किया गया। सरकार ने तीन साल की अवधि के लिए 10,000 करोड़ रुपये के साथ फेम योजना के दूसरे चरण की शुरुआत की। यह योजना एक अप्रैल, 2019 को शुरू हुई और 31 मार्च, 2024 तक चली। सरकार ने इस योजना के तहत इलेक्टि्रक वाहन निर्माताओं और उपभोक्ताओं को कुल 11,500 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की। अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण फेम योजना के लिए 2,671.33 करोड़ रुपये आवंटित किए।