ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। आईसीएआई की परीक्षा में टॉप करने वाले दोनों छात्र राजधानी के साधारण परिवार से हैं। उन्होंने मेहनत को प्राथमिकता दी है। उन्होंने सुझाव दिया कि असफलता से घबराना नहीं है बल्कि उसका मुकाबला करना चाहिए।
मार्गदर्शक की भी जरूरत
आईसीएआई द्वारा दिए गए प्रश्नपत्रों, मॉडल पत्रों के अलावा एक ऐसे मार्गदर्शक की भी जरूरत है जो इस बारे में सही सुझाव दे। हर परीक्षा के पहले समयबद्ध और सुनियोजित तैयारी करना आवश्यक है। शिवम मिश्रा ने बताया कि सीए की पहले चरण की परीक्षा में 50वां और दूसरे चरण में 20वां स्थान आया था। मुझे उम्मीद नहीं थी कि फाइनल परीक्षा में मेरी पहली रैंक आएगी। मैं टॉप-10 के लिए आश्वस्त था।
परिवार में किसी ने भी कॉमर्स की पढ़ाई नहीं की
दिल्ली के पीतमपुरा निवासी शिवम बताते हैं कि पिता नगेंद्र मिश्रा पुजारी, मां राधा मिश्रा गृहिणी और बहन शिवानी मिश्रा एक निजी स्कूल में प्राध्यापिका हैं। परिवार में किसी ने भी कॉमर्स की पढ़ाई नहीं की है। हमारा परिवार मध्य प्रदेश के सतना जिला से है। मेरी रुचि विज्ञान विषय में नहीं थी।
पहले मैं पढ़ाई में बहुत साधारण था। 9वीं तक मेरे अंक बहुत खराब थे बाद में 10वीं और 12वीं में अच्छे अंक से पास हुआ। 2019 में मैंने केंद्रीय विद्यालय पीतमपुरा से 12 वीं पास की।
छलक पड़े आंसू : वर्षा
राजधानी दिल्ली की दिलशाद कॉलोनी में रहने वाली वर्षा अरोड़ा को उम्मीद नहीं थी कि वह इतना बेहतर प्रदर्शन करेंगी। वह बताती हैं कि जैसे ही परीक्षा परिणाम के बारे में परिजनों को पता चला तो वे खुशी से रो पड़े। मैंने डीयू के आईपी कॉलेज से 2019 में स्नातक किया है। इसके बाद सीए की तैयारी शुरू की। मेरे पिता अकाउंट मैनेजर हैं, मां गृहिणी हैं और बहन पीएचडी कर रही हैं। मैं सीए के क्षेत्र में आगे जाना चाहती हूं।