ब्लिट्ज ब्यूरो
आज सारी दुनिया के लोग ख़ुशी ढूंढ़ते घूम रहे हैं। हैप्पीनेस इंडेक्स जारी किए जा रहे हैं। ज़्यादा ख़ुशी देने वाले देश और कम ख़ुशी वाले देशों की रैंकिंग की जा रही है। परन्तु दिलचस्प बात यह है कि कोई भी यह नहीं बता रहा है कि ख़ुशी मिलेगी कहां?
मर्ज सब बता रहे, इलाज किसी को नहीं पता
ताज्जुब की बात यह है कि ख़ुश न रहने का मर्ज़ तो सभी बता रहे हैं, पर इसका इलाज कोई नहीं बता रहा।
सर्वे और रैंकिंग की खोखली बातों से आगे जाकर दुनिया में एक ऐसा भी देश है जो अपने यहां ख़ुशी लाने के लिये अपने लोगों को पारिवारिक संस्कारों की ट्रेनिंग दे रहा है और ख़ुशियों का दरवाज़ा खोल रहा है।
परिवार के सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करना है
ट्रेनिंग इस बात की दी जा रही है कि पुरुष को अपने परिवार के सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए? ट्रेनिंग का एक हिस्सा यह भी है कि पति को अपनी पत्नी और बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए।
यह है दक्षिण अमेरिका का देश कोलंबिया
कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में वहां की सरकार अपने पुरुष नागरिकों को घरेलू हिंसा न करने की ट्रेनिंग दे रही है ताकि हर घर खुशहाल रहे।
कोलंबिया में परिवार में सामंजस्य और ख़ुशहाली बनाए रखने के लिए ट्रेनिंग स्कूल खोले गए हैं। जहां परिवार के साथ रहने के तरीके सिखाए जा रहे हैं।
ट्रेनिंग में पुरुषों को सिखाया जा रहा है कि वे अपनी पत्नी से किस तरह बात और बर्ताव करें।
बच्चों के डायपर कैसे बदलें, स्कूल के लिए बच्चों को कैसे तैयार करें
इतना ही नहीं, इस ट्रेनिंग में पुरुषों को यह भी सिखाया जा रहा है कि वे बच्चों के डायपर कैसे बदलें और स्कूल जाने से पहले बच्चों को किस तरह तैयार करें।
आपकी जानकारी के लिए ज़रूरी है कि कोलंबिया में घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों को देखते हुए वहां की सरकार ने 2021 में पुरुषों के लिए केयर स्कूल खोले थे जहां पुरुषों को अच्छा पति, पिता और बेटा बनने की सीख दी जा रही है।
सेंटर भी चलाए जा रहे
बोगोटा की स्थानीय सरकार ऐसे सेंटर भी चलाती है , जहां घरेलू काम के लिए मुफ़्त में मदद ली जा सकती है।
इन सेंटर्स में कपड़े धुलवाने, छोटे बच्चों को कुछ देर के लिए छोड़ने और मुफ़्त में क़ानूनी सलाह और मानसिक रोगों का ट्रीटमेंट किया जाता है।
महिलाएं दस घंटे का समय, अपने घर की देखभाल में लगा रहीं
आपकी जानकारी में यह भी रहना चाहिए कि बोगोटा शहर की लगभग 30 पर्सेंट महिलाएं दस घंटे का समय , अपने घर की देखभाल में लगाती हैं जबकि पुरुष लगभग दो घंटे का समय ही इस काम के लिए देते हैं। यह जानकारी नेशनल प्राइमटाइम यूज़ सर्वे में सामने आई है।
फ़िनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश
दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र ने अपनी 2024 की वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में फ़िनलैंड को दुनिया का सबसे खुशहाल देश बताया है। पिछले 7 सालों से लगातार फ़िनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश बना हुआ है।
इस लिस्ट में दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर नॉर्डिक देश- डेनमार्क, आइसलैंड, और स्वीडन हैं।
ताज्जुब की बात तो यह है कि इस रिपोर्ट को तैयार करने में संबंधित देशों के एंडोर्समेंट का कहीं कोई ज़िक्र नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र आज सिर्फ़ काग़ज़ी शेर
संयुक्त राष्ट्र आज सिर्फ़ अपने को काग़ज़ी शेर बनाये रखना चाहता है। समस्याओं को सुलझाने का उसके पास कोई रास्ता नहीं दिखता। यूएन की कार्य प्रणाली आज समस्याओं को हल करने के बजाय उलझाए रहने में ज्यादा दिखती है।
यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी समेत दुनिया के अनेक देश 2014 से अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर लगातार यूएन के रिफार्म की मांग कर रहे हैं।
रैंकिंग | देश |
---|---|
1 | फिनलैंड |
2 | डेनमार्क |
3 | आइसलैंड |
4 | स्वीडन |
5 | इजराइल |
6 | नीदरलैंड |
7 | नॉर्वे |
8 | लक्जमबर्ग |
9 | स्विट्जरलैंड |
10 | ऑस्ट्रेलिया |
ब्लिट्ज ब्यूरो
आज सारी दुनिया के लोग ख़ुशी ढूंढ़ते घूम रहे हैं। हैप्पीनेस इंडेक्स जारी किए जा रहे हैं। ज़्यादा ख़ुशी देने वाले देश और कम ख़ुशी वाले देशों की रैंकिंग की जा रही है। परन्तु दिलचस्प बात यह है कि कोई भी यह नहीं बता रहा है कि ख़ुशी मिलेगी कहां?
मर्ज सब बता रहे, इलाज किसी को नहीं पता
ताज्जुब की बात यह है कि ख़ुश न रहने का मर्ज़ तो सभी बता रहे हैं, पर इसका इलाज कोई नहीं बता रहा।
सर्वे और रैंकिंग की खोखली बातों से आगे जाकर दुनिया में एक ऐसा भी देश है जो अपने यहां ख़ुशी लाने के लिये अपने लोगों को पारिवारिक संस्कारों की ट्रेनिंग दे रहा है और ख़ुशियों का दरवाज़ा खोल रहा है।
परिवार के सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करना है
ट्रेनिंग इस बात की दी जा रही है कि पुरुष को अपने परिवार के सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए? ट्रेनिंग का एक हिस्सा यह भी है कि पति को अपनी पत्नी और बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए।
यह है दक्षिण अमेरिका का देश कोलंबिया
कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में वहां की सरकार अपने पुरुष नागरिकों को घरेलू हिंसा न करने की ट्रेनिंग दे रही है ताकि हर घर खुशहाल रहे।
कोलंबिया में परिवार में सामंजस्य और ख़ुशहाली बनाए रखने के लिए ट्रेनिंग स्कूल खोले गए हैं। जहां परिवार के साथ रहने के तरीके सिखाए जा रहे हैं।
ट्रेनिंग में पुरुषों को सिखाया जा रहा है कि वे अपनी पत्नी से किस तरह बात और बर्ताव करें।
बच्चों के डायपर कैसे बदलें, स्कूल के लिए बच्चों को कैसे तैयार करें
इतना ही नहीं, इस ट्रेनिंग में पुरुषों को यह भी सिखाया जा रहा है कि वे बच्चों के डायपर कैसे बदलें और स्कूल जाने से पहले बच्चों को किस तरह तैयार करें।
आपकी जानकारी के लिए ज़रूरी है कि कोलंबिया में घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों को देखते हुए वहां की सरकार ने 2021 में पुरुषों के लिए केयर स्कूल खोले थे जहां पुरुषों को अच्छा पति, पिता और बेटा बनने की सीख दी जा रही है।
सेंटर भी चलाए जा रहे
बोगोटा की स्थानीय सरकार ऐसे सेंटर भी चलाती है , जहां घरेलू काम के लिए मुफ़्त में मदद ली जा सकती है।
इन सेंटर्स में कपड़े धुलवाने, छोटे बच्चों को कुछ देर के लिए छोड़ने और मुफ़्त में क़ानूनी सलाह और मानसिक रोगों का ट्रीटमेंट किया जाता है।
महिलाएं दस घंटे का समय, अपने घर की देखभाल में लगा रहीं
आपकी जानकारी में यह भी रहना चाहिए कि बोगोटा शहर की लगभग 30 पर्सेंट महिलाएं दस घंटे का समय , अपने घर की देखभाल में लगाती हैं जबकि पुरुष लगभग दो घंटे का समय ही इस काम के लिए देते हैं। यह जानकारी नेशनल प्राइमटाइम यूज़ सर्वे में सामने आई है।
फ़िनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश
दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र ने अपनी 2024 की वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में फ़िनलैंड को दुनिया का सबसे खुशहाल देश बताया है। पिछले 7 सालों से लगातार फ़िनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश बना हुआ है।
इस लिस्ट में दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर नॉर्डिक देश- डेनमार्क, आइसलैंड, और स्वीडन हैं।
ताज्जुब की बात तो यह है कि इस रिपोर्ट को तैयार करने में संबंधित देशों के एंडोर्समेंट का कहीं कोई ज़िक्र नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र आज सिर्फ़ काग़ज़ी शेर
संयुक्त राष्ट्र आज सिर्फ़ अपने को काग़ज़ी शेर बनाये रखना चाहता है। समस्याओं को सुलझाने का उसके पास कोई रास्ता नहीं दिखता। यूएन की कार्य प्रणाली आज समस्याओं को हल करने के बजाय उलझाए रहने में ज्यादा दिखती है।
यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी समेत दुनिया के अनेक देश 2014 से अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर लगातार यूएन के रिफार्म की मांग कर रहे हैं।
रैंकिंग | देश |
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1 | फिनलैंड |
2 | डेनमार्क |
3 | आइसलैंड |
4 | स्वीडन |
5 | इजराइल |
6 | नीदरलैंड |
7 | नॉर्वे |
8 | लक्जमबर्ग |
9 | स्विट्जरलैंड |
10 | ऑस्ट्रेलिया |