ब्लिट्ज ब्यूरो
एथेंस। पूरी दुनिया में तापमान तेजी से बढ़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) और यूरोपियन यूनियन (ईयू) के मौसम विभाग की तरफ से कहा गया है कि जुलाई का महीना सवा लाख साल में सबसे गर्म महीना साबित हुआ है। वहीं यूएन चीफ की मानें तो अब धरती उबलने लगी है।
जुलाई महीने में तापमान ने वैज्ञानिकों को डरा दिया है । यूरोप, उत्तरी अमेरिका और चीन में गर्मी से बुरी तरह परेशान हुए हैं। भीषण गर्मीं से कई लोगों की मौत होने के भी समाचार हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि जुलाई में इतनी गर्मी 1,20,000 साल बाद पड़ी है। संयुक्त राष्ट्र के मुखिया एंटोनियो गुतारेस ने कहा है कि ग्लोबल वॉर्मिंग तो अब बीते जमाने की बात हो गई है। अब धरती उबलने लगी है।
इतनी गर्मी कभी नहीं देखी
उत्तरी अमेरिका, चीन और यूरोप में पड़ रही भयानक गर्मी के बाद वैज्ञानिकों ने कहा है कि इतनी गर्मी धरती पर कभी नहीं देखी गई है। यूएन के मौसम विभाग और यूरोपियन यूनियन की जलवायु परिवर्तन सेवा के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन के बाद कहा है कि जुलाई 2023 असाधारण तौर पर गर्मी का एक नया रिकॉर्ड बनाने की तरफ है। दोनों ही एजेंसियों की तरफ से आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई के अंत में इतनी ज्यादा गर्मी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। वैज्ञानिकों ने पेड़, मूंगा की चट्टानों और कई और स्रोतों से इकट्ठा किए गए आंकड़ों के आधार पर यह बात कही है।
हजारों पर्यटक फंसे
एजेंसियों की तरफ से आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई के पहले 23 दिनों के लिए औसत हवा का तापमान 16.95 डिग्री सेल्सियस या 62.51 फारेनहाइट है, जो 16.63 डिग्री के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गया है जो जुलाई 2019 में रिकॉर्ड किया गया था। जुलाई की गर्मी का असर दुनिया भर में देखने को मिला है। हजारों पर्यटक ग्रीस के रोड्स पर लगी जंगल की आग में फंस गए। कई और लोगों को अमेरिका के दक्षिण-पश्चिम में भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा। वहीं, उत्तर पश्चिमी चीन की एक बस्ती में तापमान 52.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इसने चीन में पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। इस स्थिति पर यूएन के मुखिया एंटोनियो गुटेरेस का भी बयान आया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर तुरंत ही कार्रवाई करने की अपील की है। उनका कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग अब बदल गई है। यूरोप और अमेरिका के कुछ हिस्सों सहित नॉर्थ पोल में प्रचंड गर्मी पड़ रही है।