मनोज जैन
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले उपहारों की नीलामी 2 अक्टूबर से शुरू हो गई जो 31 अक्टूबर तक जारी रहेगी। नीलामी से इकट्ठा हुई धनराशि पवित्र गंगा नदी को पुनर्जीवित करने के लिए नमामि गंगे परियोजना को दान कर दी जाएगी।
100 रुपये से 65 लाख रुपये तक के स्मृति चिन्ह
पीएम मोदी के उपहारों की नीलामी का यह 5वां संस्करण हैं। इसमें 100 रुपये से लेकर 65 लाख रुपये तक के स्मृति चिन्ह ई-नीलामी के लिए उपलब्ध हैं। नई दिल्ली में नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट में ऐसे स्मृति चिन्हों की एक प्रदर्शनी आयोजित की गई है। इसमें 150 से अधिक उल्लेखनीय स्मृति चिन्ह हैं, जो राष्ट्र की सांस्कृतिक जीवंतता की झलक प्रदान करते हैं।
– ई-नीलामी में 912 वस्तुएं शामिल
पीएम मोदी ने दी जानकारी
इस नीलामी के बारे में जानकारी पीएम मोदी के ट्वीट हैंडल पर दी गई है। पीएम ने बताया कि नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट केंद्र में एक प्रदर्शनी में हाल के दिनों में मुझे दिए गए उपहारों और स्मृति चिन्हों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की जाएगी। कई कार्यक्रमों और आयोजनों के दौरान मुझे ये दिए गए थे। वे भारत की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और कलात्मक विरासत का प्रमाण हैं।
हमेशा की तरह, इन वस्तुओं की नीलामी की जाएगी और प्राप्त आय नमामि गंगे पहल के काम आएगी। उन्होंने कहा,यहां आपके पास उन्हें पाने का मौका है।
इस वेबसाइट पर कराना होगा रजिस्ट्रेशन
पीएम मोदी को प्रदान किए गए उपहारों की ई-नीलामी का यह संस्करण 31 अक्टूबर तक वेब पोर्टल https://pmmementos.gov.in के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है। व्यक्ति और संगठन वेब पोर्टल के माध्यम से ई-नीलामी में भाग ले सकते हैं। प्रदर्शनी का समय सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक है।
ई-नीलामी के लिए उपलब्ध स्मृति चिन्हों का विभिन्न संग्रह पारंपरिक कलाओं की एक विशाल श्रृंखला को प्रदर्शित करता है जिसमें चित्र, जटिल मूर्तिकला, स्वदेशी हस्तशिल्प और आकर्षक लोक एवं जनजातीय कलाकृतियां शामिल हैं। इनमें से कुछ वस्तुओं को सामान्य रूप से सम्मान और आदर के प्रतीक के रूप में दिया जाता है, जिनमें पारंपरिक अंगवस्त्र, शॉल, हेडगियर और परंपरागत तलवारें शामिल हैं। इस ई-नीलामी की उत्कृष्ट कलाकृतियों में मोढेरा सूर्य मंदिर और चित्तौड़गढ़ के विजय स्तंभ जैसे वास्तुशिल्प प्रतिकृतियां शामिल हैं। चंबा रूमाल, पट्टचित्र, ढोकरा कला, गोंड कला और मधुबनी कला जैसी उल्लेखनीय सामग्रियां स्थायी और गहन सांस्कृतिक सार को दर्शाती हैं, जो हमारे विविध समुदायों के मूर्त और अमूर्त दोनों पहलुओं को दर्शाती हैं।
11 अक्टूबरअंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्य दुनियाभर की बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जन जागरूकता फैलाने के साथ-साथ उन्हें शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य सुविधा, कानूनी अधिकार और भेदभाव से संरक्षण प्रदान कराना है।