डॉ. सीमा द्विवेदी
वाराणसी। पीएम मोदी ने जी20 सम्मेलन में भारत के विजन के बारे में डेलीगेट्स को जानकारी दी। उन्होंने 20 देशों से आए 200 से ज्यादा विदेशी मेहमानों का स्वागत किया। पीएम ने वर्चुअली जुड़ते हुए अपने भाषण में एक तरफ जहां काशी की स्पिरिट का जिक्र किया वहीं दुनिया के दक्षिणी देश यानी ग्लोबल साउथ के बीच जियो पॉलिटिकल टेंशन की वजह से बढ़ते तनाव का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि तनाव की स्थिति से मानवता का नुकसान है। ऐसे में हमें इससे पार पाना है।
हम साथ काम करें, कोई भी देश पीछे न रहे।
पीएम ने कहा, डिजिटलीकरण की दुनिया में भारत क्रांतिकारी परिवर्तन लाया है। तकनीक का इस्तेमाल लोगों को सशक्त बनाने में किया जा रहा है।
यही नहीं, हम भारत में नदियों और पेड़ों का सम्मान और पूजा करते हैं।
पीएम ने कहा, काशी की स्पिरिट टाइमलेस काम करने की ऊर्जा देती है। इसमें भारत की विविध विरासत का सार है। यह देश के सभी हिस्सों के लोगों के लिए कनवर्जन प्वाइंट की तरह काम करती है। दुनिया का सबसे प्राचीन जिंदा शहर वाराणसी डेमोक्रेसी का जन्मदाता है।
उन्होंने आगे कहा, मैं काशी का सांसद हूं, इसलिए ऐसा नहीं कह रहा हूं। काशी की गंगा आरती, सारनाथ प्रेरित करते हैं।
पीएम ने कहा- काशी सदियों से ज्ञान, चर्चा, संस्कृति और अध्यात्म का केंद्र रही है। काशी में भारत की विविध विरासत का सार है।
काशी तक पहुंचा जी 20 विकास का एजेंडा
उन्होंने कहा- मुझे खुशी है कि जी 20 विकास एजेंडा काशी तक भी पहुंच गया है। विकास, वैश्विक दक्षिण के लिए एक प्रमुख मुद्दा है। वैश्विक दक्षिण के देश कोविड महामारी से उत्पन्न व्यवधान से गंभीर रूप से प्रभावित थे और भू-राजनीतिक तनाव के कारण खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट ने एक और झटका दिया। ऐसी परिस्थितियों में आप जो निर्णय लेते हैं उसका बहुत महत्व होता है।
जी20 बैठक में आर्थिक मंदी, ऋण संकट, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, प्रदूषण और जैव विविधता, बढ़ती गरीबी और असमानता, खाद्य और ऊर्जा असुरक्षा, जीवन-यापन के संकट सहित वैश्विक आपूर्ति-श्रृंखला व्यवधान, भू-राजनीतिक संघर्ष और तनाव समेत विभिन्न विषयों पर मंथन हुआ। पीएम मोदी ने 200 से ज्यादा विदेशी डेलिगेट्स से कहा, विकास को बनाए रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए हम एक साथ काम करें। दुनिया को मजबूत संदेश देना होगा कि हमारे पास एक बड़ा एक्शन प्लान है। हमें निवेश बढ़ाना होगा। भारत अपने एक्सपीरियंस साझा करेगा। हमारे प्रयास व्यापक, समावेशी, निष्पक्ष और सस्टेनेबल होने चाहिए। पीएम ने विदेशी डेलिगेट्स को बताया कि भारत में हमने 100 से ज्यादा आकांक्षी जिलों को चुना है। ये विकासशील जिले थे। इनमें लोगों का जीवन बेहतर हो रहा है।