ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाने के लिए योगी सरकार एक नई पहल करने जा रही है। इसके तहत प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में ‘डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक’ की स्थापना की जाएगी। ‘डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक’ एक तरह से प्राइमरी हेल्थ सेंटर की तरह काम करेंगे, जहां न केवल ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से डॉक्टर्स का परामर्श मिलेगा, बल्कि हेल्थ केयर असिस्टेंस के साथ ही लेबोरेटरी की भी सुविधा मिलेगी।
आरंभिक तौर पर यह पायलट प्रोजेक्ट लखनऊ और बुलंदशहर के कुल 20 सेंटर्स में जल्द खोले जाएंगे। इसके बाद इसे पूरे प्रदेश में शुरू किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि निजी निवेश के माध्यम से योगी सरकार यह पहल करने जा रही है। इसका उद्देश्य गांवों और सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारना है, ताकि रियायती दरों पर लोगों को गंभीर से गंभीर बीमारियों में चिकित्सीय परामर्श के साथ ही दवाइयां और पैथोलॉजी टेस्ट की सुविधा दी जा सके।
डॉक्टर्स की टीम की जा रही नियुक्त
‘डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक’ के लिए योगी सरकार ने ओबदु ग्रुप के साथ 350 करोड़ रुपए का एमओयू किया है। ओबदु ग्रुप इस पूरे प्रोजेक्ट को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से पहले ही धरातल पर उतारने जा रहा है। ग्रुप के फाउंडर और सीईओ संजय कुमार के अनुसार प्रदेश सरकार की मदद से जल्द ही लखनऊ और बुलंदशहर के 20 सेंटर्स के माध्यम से इस स्टार्ट-अप की शुरुआत हो जाएगी और धीरे-धीरे अन्य जनपदों के ग्रामीण क्षेत्रों में ‘डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक’ स्थापित किए जाएंगे।
इसके लिए अभी 5 डॉक्टर्स को नियुक्त कर दिया गया है, जबकि 10 अन्य डॉक्टर्स को लाइन-अप किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्टार्ट-अप को लेकर कुछ अन्य इन्वेस्टर्स से भी बातचीत हो रही है और हमारा इरादा इस एमओयू के साइज को एक हजार करोड़ रुपए तक ले जाने का है।
क्या है ‘डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक’
‘डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक’ एक टेलीमेडिसिन प्रणाली की दोनों शाखाओं (परामर्श केंद्र और स्पेशिलिटी सेंटर) के कांबिनेशन पर कार्य करने वाला एक प्राइमरी हेल्थ सेंटर है। यह ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बनाया गया है, जहां न केवल ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंस की ही सुविधा होगी, बल्कि एक योग्य हेल्थ केयर असिस्टेंट भी होगा जो मरीज की देखभाल करेगा तथा डॉक्टर और मरीज के बीच तालमेल बनाएगा।