ब्लिट्ज ब्यूरो
भोपाल। मध्य प्रदेश ने विकास में एक कदम आगे बढ़ते हुए एक के बाद एक उपलब्धियां हासिल की हैं। ओंकारेश्वर में 90 मेगावाट बिजली पैदा करने वाली मध्य और उत्तर भारत की सबसे बड़ी तैरती सौर परियोजना चालू हो गई है। राज्य के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने एक बयान में कहा कि 646 करोड़ रुपये की लागत वाली ओंकारेश्वर ‘तैरती सौर परियोजना’ शुरू हो गई है। इससे एक साल में 19 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन होगा।
राकेश शुक्ला ने कहा कि यह परियोजना केंद्रीय नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत विकसित की गई है। इसके साथ ही यह भारत का सबसे बड़ा सौर पार्क और मध्य और उत्तर भारत की सबसे बड़ी तैरती सौर ऊर्जा परियोजना है।
ग्रीन एनर्जी की ओर कदम
मंत्री ने कहा कि इस परियोजना का एडमिनिस्ट्रेशन एसजेवीएन की सहायक कंपनी एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) की तरफ से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के चालू होने पर एसजेवीएन की कुल स्थापित क्षमता बढ़कर 2466.50 मेगावाट हो गई है।
कम होगा प्रदूषण
शुक्ला ने कहा कि इस परियोजना से पहले वर्ष में 19.65 करोड़ यूनिट तथा अगले 25 साल में 462.93 करोड़ यूनिट बिजली पैदा होने का अनुमान है। मंत्री ने कहा कि चालू होने के बाद परियोजना से कार्बन उत्सर्जन में 2.3 लाख टन की कमी आएगी तथा वर्ष 2070 तक कार्बन उत्सर्जन शून्य करने के केंद्र सरकार के मिशन में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
3.26 रुपये प्रति यूनिट की दर
शुक्ला के अनुसार परियोजना से जल वाष्पीकरण में कमी लाकर जल संरक्षण में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि परियोजना को 3.26 रुपये प्रति यूनिट की दर से 25 वर्षों के लिए ‘निर्माण, अधिग्रहण और परिचालन’ (बीओओ) के आधार पर प्रतिस्पर्धी टैरिफ बोली के माध्यम से विकसित किया गया है। इसका मतलब बोली लगाकर बिजली खरीदने वाली कंपनी को यहा प्लांट 3 रुपए 26 पैसे के भाव पर बिजली उपलब्ध कराएगा।
बता दें कि ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर पर तैरता ऊर्जा संयंत्र विकसित किया गया है।